होम लोन लेने से पहले इन बातों पर कीजिए होम वर्क, जल्दी मिलेगा घर
आमतौर पर होम लोन का एमाउंट और इसे चुकाने का समय बेहद लंबी होती है. लंबे समय के लिए लोन लेने के चलते ब्याज भी अधिक चुकाना पड़ता है, फिर भी इसे 'गुड लोन' कहते हैं.
हर किसी का सपना होता है, एक घर हो अपना. इसके लिए आप अपनी गाढ़ी कमाई खर्च कर घर खरीदना चाहते हैं. गाढ़ी कमाई के साथ घर या फ्लैट खरीदने में होम लोन काफी मददगार होते हैं. आमतौर पर होम लोन का एमाउंट और इसे चुकाने का समय बेहद लंबी होती है. लंबे समय के लिए लोन लेने के चलते ब्याज भी अधिक चुकाना पड़ता है, फिर भी इसे 'गुड लोन' कहते हैं क्योंकि इसकी बदौलत आप एक प्रॉपर्टी बनाते हैं और समय के साथ उसकी कीमत में इजाफा होता है. साथ ही आपको किराए के घर में रहने के झंझट से भी छुटकारा मिलता है. हालांकि होम लोन लेते समय अगर आप इन बातों का ख्याल रखें तो आपका गुड लोन बेस्ट लोन बन जाएगा.
खरीदिए रेडी टु मूव घर
इस समय बड़ी संख्या में रेडी टू मूव फ्लैट बाजार में मौजूद हैं. हो सकता है कि इनकी कीमत थोड़ी अधिक हो, लेकिन आपको अपना घर तुरंत मिल जाएगा. अगर आप किराए के मकान में रह रहे हैं, तो किराया बच जाएगा. इनकम टैक्स में होम लोन लेने का फायदा आपको तभी मिलता है जब आपको उसका पजेशन मिल जाता है. इसलिए रेडी टू मूव घर लेने में ही फायदा है.
होमवर्क करना जरूरी है
होम लोन की मंजूरी के लिए किसी का पर्सनल प्रोफाइल काफी महत्वपूर्ण होता है. इसमें पढ़ाई, पेशा, डिपेंडेंट की संख्या, प्रॉपर्टी, बचत, बीमा पॉलिसियां शामिल हैं. डिपेंडेंट की संख्या अधिक होने या लाइबिलिटी अधिक होने का मतलब होता है कि रीपेमेंट की क्षमता कम होगी.
उधार लेने वाले की उम्र
उम्र भी लोन आवेदन के रद्द होने में अहम भूमिका निभाता है. बैंक हमेशा होम लोन आवेदक की उम्र की जांच करते हैं. अगर उसकी उम्र सेवानिवृत्ति के करीब है तो बैंक केवल शॉर्ट टर्म लोन ही देते हैं. इसकी वजह से मासिक किस्त भी काफी अधिक होती है. इसलिए उम्र जितनी अधिक होगी व्यक्ति को लंबी अवधि के लोन मिलने के चांस कम होते हैं.
क्रेडिट हिस्ट्री
उधार लेने वालों की क्रेडिट हिस्ट्री भी होम लोन लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. क्रेडिट हिस्ट्री वास्तव में आपकी फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड होती है. कोई भी बैंक लोन मंजूर करने के दौरान इस पर गौर फरमाता है. इसमें आप पर बकाया तमाम लोन या विलंबित भुगतानों की जानकारी होती है. क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों के भारत में आने के साथ ही अब लोन आवेदकों के क्रेडिट रिपोर्ट की जानकारी पाना वित्तीय संस्थानों और बैंकों के लिए अब काफी आसान हो गया है.