इनकम के हिसाब से कितना महंगा घर खरीदें, ये फॉर्मूला दूर कर देगा सारा कन्फ्यूजन, फैसले पर कभी नहीं होगा पछतावा
How to buy affordable house: आपको अपनी सैलरी के हिसाब से कितना महंगा घर खरीदना चाहिए, कितना डाउन पेमेंट देना चाहिए और कितना लोन लेना चाहिए. एक फॉर्मूला सबकुछ क्लीयर कर देगा और आपको कभी भी अपने फैसले पर पछतावा नहीं होगा.
Home Buying Tips: मिडिल क्लास के लिए घर खरीदना एक बहुत बड़ी बात होती है क्योंकि साधारण सी इनकम के साथ मकान की मोटी रकम दे पाना आसान नहीं होता. यही वजह है कि लोग अक्सर होम लोन लेकर इस काम को पूरा करते हैं. कई बार लोग अच्छा घर खरीदने के चक्कर में महंगा घर खरीद लेते हैं. इसके लिए या तो वो अपनी सारी जमा पूंजी खर्च कर देते हैं या फिर लोन इतना ज्यादा ले लेते हैं कि लंबे समय तक उसकी ईएमआई दे पाना आसान नहीं होता.
ऐसे में बाद में जब मुश्किलें बढ़ती हैं, तब पछतावा होता है. यहां जानिए एक ऐसे फॉर्मूले के बारे जिसके जरिए आप आसानी से ये पता कर सकते हैं कि आपको अपनी सैलरी के हिसाब से कितना महंगा घर खरीदना चाहिए, कितना डाउन पेमेंट देना चाहिए और कितना लोन लेना चाहिए. अगर आप इस फॉर्मूले को अपनाते हैं, तो आपके मकान की जरूरत भी आसानी से पूरी हो जाएगी और आपको अपने फैसले पर किसी तरह का पछतावा भी नहीं होगा.
ये खास फॉर्मूला करेगा काम
मकान खरीदने के लिए एक खास फॉर्मूले का इस्तेमाल करना चाहिए. ये फॉर्मूला है 3/20/30/40. इस फॉर्मूले में 3 का मतलब है आप जो भी मकान खरीदने जा रहे हैं, उसकी लागत आपकी कुल वार्षिक आय से तीन गुना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. मतलब अगर आपका सालाना पैकेज 10 लाख रुपए है तो आपको 30 लाख रुपए तक का मकान या फ्लैट खरीदना चाहिए. अगर 15 लाख का पैकेज है तो 45 लाख तक का.
फॉर्मूले में 20 का मतलब लोन के टेन्योर से है. होम लोन अक्सर लंबी अवधि के लिए ही लिए जाते हैं. लेकिन आप इसे 20 साल की अवधि के लिए लें. इससे कम में लेंगे तो ईएमआई का बोझ बढ़ेगा और ज्यादा लेंगे तो ईएमआई का बोझ तो कम हो जाएगा, लेकिन आपको ब्याज के तौर पर बैंक को बहुत ज्यादा पैसा देना होगा. इसलिए आप लोन का टेन्योर अधिकतम 20 साल तक तय कर सकते हैं. इसमें आप ईएमआई को आसानी से चुका सकते हैं.
30 का मतलब आपकी ईएमआई से है. आप जो भी कमाते हैं, उसकी 30 प्रतिशत से ज्यादा आपकी ईएमआई नहीं होनी चाहिए. मान लीजिए कि आप हर महीने 70 हजार रुपए कमाते हैं तो आपकी ईएमआई 21 हजार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर इससे कम होती है तो आपके लिए और अच्छा है.
40 का मतलब है आपके डाउन पेमेंट से. जब भी आप कोई फ्लैट लेते हैं, तो आपको उसका डाउन पेमेंट करना होता है. वैसे तो मकान के लिए 10 या 20 प्रतिशत डाउन पेमेंट दे सकते हैं और बाकी की रकम का इंतजाम होम लोन से कर सकते हैं. लेकिन इससे आपका होम लोन अमाउंट बढ़ेगा और उससे ईएमआई का बोझ भी बढ़ जाएगा. इसलिए कोशिश करिए कि आप 40 फीसदी तक डाउन पेमेंट कर सकें. मान लीजिए आपकी वार्षिक इनकम 10 लाख रुपए है और आपने 30 लाख का फ्लैट खरीदा, तो आपको करीब 12 लाख रुपए डाउन पेमेंट कर देना चाहिए. ऐसे में आपको सिर्फ 18 लाख रुपए का लोन लेना पड़ेगा. इस स्थिति में जो ईएमआई बनेगी, वो इतनी नहीं होगी कि आप आसानी से चुका न सकें.
जानिए कितनी होगी ईएमआई
मान लीजिए कि आप एसबीआई से 18 लाख रुपए का होम लोन 20 साल के लिए लेते हैं तो SBI Home Loan Calculator के हिसाब से दे 9.55 फीसदी ब्याज के हिसाब से आपको 16,837 रुपए महीने ईएमआई के तौर पर देने होंगे. ये वो रकम है जो आप बहुत आसानी से चुका सकते हैं. समय के साथ अगर ब्याज दर बढ़ती है और आपकी ईएमआई पर इसका असर आता है, तो भी आपको कोई समस्या नहीं होगी.