GST परिषद में गेमिंग सेक्टर की मांग पर नहीं हुई चर्चा, 28% जीएसटी से परेशान है Online Gaming इंडस्ट्री
गेमिंग कंपनियां लंबे समय से मांग कर रही हैं कि 28 प्रतिशत जीएसटी दांव पर लगाई जाने वाली पूरी राशि की बजाय इंडस्ट्री द्वारा हासिल किए जाने वाले सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) पर लगाना चाहिए.
जीएसटी (GST) परिषद की 53वीं बैठक में गेमिंग सेक्टर (Gaming Sector) की मांग पर किसी प्रकार की चर्चा नहीं हुई. गेमिंग कंपनियां लंबे समय से मांग कर रही हैं कि 28 प्रतिशत जीएसटी दांव पर लगाई जाने वाली पूरी राशि की बजाय इंडस्ट्री द्वारा हासिल किए जाने वाले सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) पर लगाना चाहिए.
गेमिंग कंपनियों के अनुसार, स्किल आधारित ऑनलाइन गेम्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगने से गेमिंग इंडस्ट्री पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इससे फंडिंग में कमी आई है. साथ ही, रोजगार के मौके घट रहे हैं और सेक्टर के भविष्य को लेकर दुविधा की स्थिति है.
जेएसए एडवोकेट्स और सॉलिसिटर में पार्टनर मनीष मिश्रा ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. सेक्टर उम्मीद कर रहा था कि टैक्स की दरों को लेकर कुछ राहत मिलेगी.
ईवाई और यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्टूबर 2023 से नया जीएसटी रिजीम आने के कारण कुछ कंपनियों से वैश्विक निवेशक हट गए हैं.
नया जीएसटी रिजीम आने से पहले जीएसटी की लागत कुल आय का 15.25 प्रतिशत थी. एक अक्टूबर, 2023 के बाद 33 प्रतिशत कंपनियों के लिए जीएसटी की लागत आय के 50 से 100 प्रतिशत तक हो गई है. कुछ स्टार्टअप्स के लिए यह लागत आय से भी ज्यादा है. रिपोर्ट में बताया गया कि ये स्टार्टअप नुकसान में कारोबार कर रहे हैं.