जीएसटी काउंसिल (GST Council) की शनिवार को होने वाली मीटिंग में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कानून के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर विचार किए जाने की संभावना है. मीटिंग के एजेंडे में अपीलीय ट्रिब्यूनल की स्थापना और पान मसाला तथा गुटखा बिजनेस में टैक्स चोरी (Tax Evasion) को रोकने की व्यवस्था बनाना शामिल है. इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) और कसीनो पर जीएसटी को लेकर विचार-विमर्श भी किया जा सकता है. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (GOM) ने इस मुद्दे पर गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) को अपनी रिपोर्ट सौंपी.

48वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग की अध्यक्षता करेंगी वित्त मंत्री

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वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ''केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 48वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग की अध्यक्षता करेंगी. बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.'' काउंसिल टैक्स ऑफिसर्स की एक रिपोर्ट पर भी विचार करेगी और कुछ चीजों और सर्विसेज में जीएसटी रेट को स्पष्ट करेगी.

पान मसाला और गुटखा कंपनियों द्वारा टैक्स चोरी पर चर्चा की संभावना

जीएसटी कानून के तहत गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के संबंध में जीएसटी काउंसिल की विधि समिति ने मुकदमा शुरू करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है. कानून समिति ने ये सुझाव भी दिया है कि जीएसटी के तहत गड़बड़ियों के लिए करदाताओं द्वारा देय शुल्क को घटाकर टैक्स राशि को 25 प्रतिशत तक किया जाए. इस समय ये 150 प्रतिशत तक है. इसी तरह आपराधिक मामलों के तहत मुकदमा चलाने के लिए मौजूदा 5 करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि पान मसाला और गुटखा कंपनियों द्वारा टैक्स चोरी पर जीओएम की रिपोर्ट पर काउंसिल में चर्चा होने की संभावना है.

स्थगित हो गया था ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो पर टैक्स लगाने का फैसला

माल और सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल के गठन के संबंध में जीओएम ने सुझाव दिया है कि इसमें दो न्यायिक सदस्य, केंद्र तथा राज्यों के एक-एक तकनीकी सदस्य के साथ ही अध्यक्ष के रूप में उच्चतम न्यायालय के एक रिटायर्ड जज होने चाहिए. ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घोड़े की रेस पर टैक्स लगाने के संबंध में जीओएम ने नवंबर में अपनी पिछली मीटिंग में 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमति जताई थी. हालांकि, आम सहमति के अभाव में इस पर फैसले को टाल दिया गया.

पीटीआई इनपुट्स के साथ