GST: एनेशनल एंटी-प्रोफिटेरिंग ऑथोरिटी (NAA)का एक्सटेंडेड टेन्योर इस महीने खत्म होने से जीएसटी (GST) से संबंधित सभी मुनाफाखोरी शिकायतों का निपटान 1 दिसंबर से कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ही करेगा. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में इस संबंध में वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की तरफ से एक अधिसूचना जारी किए जाने की उम्मीद है.

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NAA का गठन नवंबर 2017 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) एक्ट के सेक्शन 171A के तहत मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने के मकसद से किया गया था. प्राधिकरण को यह दायित्व दिया गया कि जीएसटी दरों में किसी भी कटौती और इनपुट टैक्स क्रेडिट (input tax credit) का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए. शुरुआत में इस ऑथोरिटी का गठन दो साल के लिए किया गया था लेकिन बाद में इसका कार्यकाल बढ़ाकर नवंबर 2021 कर दिया गया.

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CCI देखेगा मुनाफाखोरी से जुड़ी शिकायतें

GST से संबंधित मामलों की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था जीएसटी काउंसिल (GST Council) की गत वर्ष सितंबर में आयोजित 45वीं बैठक में एनएए के कार्यकाल को फिर से एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था. उस बैठक में यह फैसला भी हुआ था कि नवंबर 2022 के बाद मुनाफाखोरी से जुड़ी शिकायतों को CCI ही देखेगा.

GST Council के उस फैसले के हिसाब से NAA का वजूद 30 नवंबर, 2022 के बाद खत्म हो जाएगा. ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं की तरफ से GST प्रोवाइडर्सके खिलाफ दर्ज कराई गई मुनाफाखोरी संबंधी सभी शिकायतों की जांच मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय (DGAP) करेगा और फिर कम्पटीशन कमीशन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.

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अधिकारी ने कहा कि GST मुनाफाखोरी से जुड़े मामलों को देखने के लिए CCI में एक अलग प्रकोष्ठ गठित किए जाने की संभावना है. कम्पटीशन एक्ट, 2002 के तहत CCI का गठन किया गया था.

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