GST on Online Gaming: लोकसभा-राज्यसभा से बिना बहस पास हुआ CGST और IGST संशोधन एक्ट, जानिए क्या होगा बदलाव
GST and IGST Amendment Bill 2023: जीएसटी और IGST संशोध विधेयक 2023 को संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दे दी है. मानसून सत्र के आखिरी दिन इस विधेयक को मंजूरी मिली है. इस बिल के बाद ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग क्लब पर जीएसटी लगाने का रास्ता साफ हो गया है.
GST and IGST Amendment Bill 2023: संसद ने ‘केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) (GST) विधेयक, 2023’ और ‘एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) (IGST) विधेयक, 2023’ को मंजूरी दे दी है. मानसून सत्र के आखिरी दिन ये विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पास हो गया है. इसी के साथ ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग क्लब पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का रास्ता साफ हो गया है. ये बिल बिना चर्चा और बहस के पारित हो गया. इस दौरान विपक्षी दल से कोई भी सदस्य सदन में मौजूद नहीं था.
GST and IGST Amendment Bill 2023: विधेयक में रखा गया है खास प्रावधान, रजिस्ट्रेशन में होगी आसानी
सीजीएसटी और आईजीएसटी कानूनों में संशोधन संसद में पारित होने के बाद राज्यों को संबंधित विधानसभाओं से राज्य जीएसटी कानून में ऐसे ही संशोधनों की मंजूरी लेनी होगी. संशोधनों के तहत विधेयक में खास प्रावधान रखा गया है. इससे विदेशी ऑनलाइन मनी गेमिंग सप्लायर्स पर टैक्स लगाया जा सकेगा. साथ ही ऐसे विदेशी सप्लायर्स को जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने में आसानी होगी. ये संशोधन विधेयक इन प्रावधानों को न मानने वाली वेबसाइट्स, प्लेटफॉर्म और सप्लायर्स को ब्लॉक करने की शक्तियां भी देता है.
GST and IGST Amendment Bill 2023: घरेलू गेमिंग इंडस्ट्री की चिंताओं को करेगा दूर
जीएसटी संशोधन विधेयक के जरिए घरेलू ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की चिंताओं को दूर करना है, जिन्हें डर है कि इन संशोधनों के कारण ऑनलाइन मनी गेमिंग के प्लेटफॉर्म भारत से बाहर शिफ्ट हो जाएंगे. साथ ही ये प्रावधान ऑनलाइन मनी गेमिंग के घरेलू सप्लायर्स को समान अवसर मिलेंगे. जीएसटी काउंसिल ने विदेशी संस्थाओं द्वारा प्रदान किए गए ऑनलाइन मनी गेमिंग पर जीएसटी तय करने के लिए आईजीएसटी अधिनियम, 2017 में प्रावधान डालने की भी सिफारिश की थी.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
काउंसिल के सिफारिशों के मुताबिक संस्थाओं को भारत में जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक होगा. आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में दिल्ली, सिक्किम और गोवा जैसे राज्यों ने इस बिल का विरोध किया था.