पान मसाला, तंबाकू पर IGST रिफंड: 1 अक्टूबर से बदल जाएगा नियम, एक्सपर्ट से समझें क्या होगा असर
New IGST refunds rule on Pan Masala, Tobacco: मंत्रालय की ओर से 31 जुलाई को जारी एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, ऐसी सभी वस्तुओं के निर्यातकों को अपने रिफंड दावों के साथ क्षेत्राधिकार कर अधिकारियों से संपर्क करना होगा और उनकी मंजूरी लेनी होगी.
New IGST refunds rule on Pan Masala, Tobacco: पान मसाला, तंबाकू और इसी तरह की अन्य वस्तुओं के निर्यात पर इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) के ऑटोमेटेड रिफंड की प्रक्रिया 1 अक्टूबर से बंद हो जाएगी. वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय की ओर से 31 जुलाई को जारी एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, ऐसी सभी वस्तुओं के निर्यातकों को अपने रिफंड दावों के साथ क्षेत्राधिकार कर अधिकारियों से संपर्क करना होगा और उनकी मंजूरी लेनी होगी. ये बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होंगे.
टैक्स चोरी रोकना मकसद
विशेषज्ञों ने कहा कि इस कदम का मकसद टैक्स चोरी को रोकना है, क्योंकि हो सकता है कि निर्यात किए जाने वाले सामानों की वैल्युएशन ज्यादा की गई हो. ऐसी स्थिति में आईजीएसटी रिफंड की राशि भी बढ़ सकती है. रिफंड की अधिकारियों की ओर से स्वयं जांच यह तय करेगी कि वैल्युएशन बेहतर तरीके से किया गया है और सभी फेज में टैक्स का भुगतान किया गया है.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जिन वस्तुओं के ऑटोमेटेड IGST रिफंड पर रोक लगाई गई है, उनमें पान मसाला, कच्चू तंबाकू, हुक्का, गुटखा, धूम्रपान मिश्रण और मेंथा तेल सहित अन्य वस्तुएं शामिल हैं. ऐसी वस्तुओं पर 28 फीसदी IGST और सेस लगता है.
AMRG & Associates के सीनियर पार्टनर रजत मोहन का कहना है, पान मसाला तंबाकू और अन्य समान वस्तुओं के लिए ऑटोमेटेड रिफंड पर इस तरह के प्रतिबंध से एक्सपोर्टर के कैश फ्लो में कमी आएगी. इस सेक्टर ग्लोबल प्रतिस्पर्धा कम होगी और निर्यातकों पर कम्प्लांयस और और प्रशासनिक बोझ बढ़ेगा. IGST रिफंड को प्रतिबंधित करने से सरकार के लिए टैक्स रेवेन्यू में अस्थायी इजाफा हो सकता है. क्योंकि रिफंड राशि ज्यादा एक्सटेंडेड पीयिरड के लिए सरकार के पास रहेगी.
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