GST दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्री समूह (GoM) ने गुरुवार को मोटे तौर पर चार-स्तरीय स्लैब संरचना को बनाए रखने और कर अधिकारियों की समिति से कुछ वस्तुओं पर दरों में बदलाव के निहितार्थ का विश्लेषण कर जीएसटी परिषद के समक्ष पेश करने को कहा. जीओएम की बैठक में कुछ राज्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का मुद्दा भी उठाया और आगे के डेटा विश्लेषण के लिए केंद्रीय और राज्य कर अधिकारियों वाली दर-निर्धारण समिति को भेज दिया. 

9 सितंबर को होनी है बैठक

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जीओएम के सुझावों पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद (GST Council Meet) की नौ सितंबर को होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा. उस बैठक में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के समकक्ष भी शामिल होंगे. 

क्या बदलेंगे जीएसटी स्लैब?

जीओएम के प्रमुख और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पहली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "जीओएम के कुछ सदस्य मांग कर रहे हैं कि जीएसटी के तहत कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए. अभी इस पर और चर्चा होगी और उसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा." 

इन प्रोडक्ट्स की होगी समीक्षा

उन्होंने कहा कि जीओएम को रेस्तरां, पेय पदार्थ और ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्रों से मिले प्रतिवेदनों की समीक्षा की जाएगी और उनमें से कुछ को दर-निर्धारण समिति को भेजा जाएगा. 

पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, "मैंने कहा है कि जीएसटी स्लैब में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए. परिषद के समक्ष एक प्रस्तुति दी जाएगी." 

क्या हैं मौजूदा स्लैब

उन्होंने कहा कि जीओएम की अगली बैठक नौ सितंबर की परिषद बैठक के बाद होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या जीओएम ने चार कर स्लैब को घटाकर तीन करने पर चर्चा की, भट्टाचार्य ने कहा, "अभी ऐसा नहीं होगा. स्लैब पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत पर ही रहेंगे. अब परिषद इसकी समीक्षा करेगी." 

कर स्लैब में फेरबदल के बारे में पूछे जाने पर कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने कहा कि जीएसटी प्रणाली मोटे तौर पर स्थिर हो गई है लिहाजा इसमें कोई गतिरोध डालने से क्या हासिल होगा. 

स्वास्थ्य और जीवन बीमा कराधान पर बायरे गौड़ा ने कहा, "हमने आगे की रिपोर्ट निर्धारण समिति से मांगी है. हमें यकीन नहीं है कि यह एजेंडे का हिस्सा है या नहीं." 

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर की ये मांग

विपक्ष स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने की मांग कर रहा है, जिस पर 18 प्रतिशत की दर लागू होती है. सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि जीएसटी लागू होने से पहले भी बीमा प्रीमियम पर कर लगाया जाता था और जीएसटी राजस्व केंद्र और राज्यों के बीच साझा किया जाता है. 

केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, गोवा के परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो और राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह भी इस मंत्री समूह के सदस्य हैं. जीएसटी परिषद ने जून में हुई पिछली बैठक में जीओएम को जीएसटी दर युक्तिकरण पर किए गए कार्यों का व्यापक अवलोकन या एक मसौदा रिपोर्ट देने का काम सौंपा था. इसमें कार्य की स्थिति, पैनल द्वारा अब तक कवर किए गए पहलू और पैनल के समक्ष लंबित कार्य शामिल होंगे.