8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है. उन्हें 8वें वेतन आयोग को टाटा bye-bye कहना होगा. क्योंकि, सरकार ने सारी उम्मीदें खत्म कर दी हैं. 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार ने साफ कर दिया है कि इसका गठन नहीं होगा. बल्कि कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को लेकर नए मकैनिज्म पर विचार किया जा रहा है. आने वाले समय में नए फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा. केंद्र सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह 8वां वेतन आयोग नहीं बनाएगी. इसकी जगह वेतन पैनल प्रणाली को बदलने के लिए एक नया तरीका खोज रही है. इस खबर ने केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) और पेंशनधारियों में चिंता बढ़ा दी है.

क्यों हो रही है चिंता?

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केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार अब 8वें वेतन आयोग को स्थापित करने के बजाय एक नया तंत्र लागू करने पर विचार कर रही है, जो कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को बढ़ाने के लिए काम करेगा. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को 2016 में लागू किया गया था और इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक खत्म होने की संभावना है, यानी 10 साल पूरे हो रहे हैं. इससे पहले, 4वें, 5वें और 6वें वेतन आयोगों का कार्यकाल भी 10 साल था. इस वजह से कर्मचारियों और उनके यूनियनों ने लगातार 8वें वेतन आयोग की मांग की है. लेकिन सरकार यह कह रही है कि वेतन पैनल का कार्यकाल निश्चित नहीं है, जैसा पहले माना जाता था. और अब, नया तंत्र लागू करने की बात ने कर्मचारियों के बीच बेचैनी पैदा कर दी है.

8वां वेतन आयोग क्यों नहीं बनेगा?

सूत्रों के मुताबिक, सरकार पुराने वेतन आयोग की जगह एक नया तरीका लागू करने पर विचार कर रही है, जो कर्मचारियों और पेंशनधारियों के वेतन और पेंशन को फिर से संशोधित करेगा. पहले भी खबरें आई थीं कि केंद्र सरकार वेतन आयोग के स्थान पर कोई नया सिस्टम लाने का विचार कर रही है, जिससे वेतन और पेंशन में समय-समय पर बदलाव हो सके. संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ कहा कि फिलहाल 8वां वेतन आयोग बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है, और इस वजह से कोई टाइमलाइन तय करना संभव नहीं है।

अब केंद्रीय कर्मचारियों को क्या करना होगा?

सरकार ने जब से यह साफ कर दिया है कि वह अगले वेतन आयोग को नहीं बनाएगी, तब से केंद्रीय कर्मचारियों और उनके संगठनों में एक गुस्सा और बेचैनी फैल गई है. अखिल भारतीय राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ ने पिछले महीने ऐलान किया था कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो वे अगले साल से देशभर में एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे. लेकिन, आगे क्या होगा ये कहना अभी मुश्किल है. क्योंकि सरकार अपने लेवल पर साफ कर चुकी है कि वो 8वें वेतन आयोग का गठन नहीं करेगी.

कैबिनेट सचिव से रखी मांग

एनसी जेजीएम (राष्ट्रीय परिषद-स्टाफ पक्ष) ने भी सरकार से अपील की है कि 8वें वेतन आयोग का गठन तुरंत किया जाए. एनसी जेजीएम के स्टाफ पक्ष ने 3 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा और इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की. लेटर में कहा गया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुए 9 साल हो चुके हैं, और अब 2026 से वेतन और पेंशन में संशोधन की आवश्यकता है.