फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) भारत में सबसे लोकप्रिय निवेश का माध्यम है. सुरक्षित निवेश और गारंटीड रिटर्न के लिए बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम बेहतर मानी जाती है. बैंकों में FD स्कीम में निवेश करने पर एक फिक्स ब्याद दर पर मैच्योरिटी होने पर पैसा मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट से आप हर महीने भी कमाई कर सकते हैं. जिस तरह हर महीने नौकरी करने पर पैसा मिलता है, ठीक उसी तरह बैंक की इस FD स्कीम में हर महीने कमाई कर सकते हैं. इसका नाम है फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम प्लान (fixed deposit monthly income plan).

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क्या है ये मंथली इनकम प्लान?

FD स्कीम में 2 विकल्प होते हैं. पहला विकल्प कम्युलेटिव स्कीम (Cumulative FD) का है, जहां मैच्योरिटी पर में मूलधन और ब्याज दोनों जोड़कर रकम मिलती है. वहीं नॉन कम्युलेटिव (Non-Cumulative FD) स्कीम में रेगुलर पेआउट एक फिक्स इंटरवल पर किया जाता है. आवेदन करते समय ही आप मंथली, तिमाही, छमाही और सालाना पेआउट का विकल्प चुन सकते हैं. मंथली विकल्प चुनने पर हर महीने रकम खाते में आती रहती है. 

एफडी मंथली इनकम प्लान की खासियत

1. इस स्‍कीम को शुरू करने के लिए कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं है.

2. एफडी मंथली इनकम स्‍कीम में मिनिमम 1000 रुपये से लेकर मैक्सिमम कितनी भी राशि जमा की जा सकती है.

3. बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों को तय ब्याज के हिसाब से मंथली रिटर्न मिलता है, यानी यह पूरी तरह से सुरक्षित है.

4. फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट मंथली इनकम स्‍कीम पर लोन की भी सुविधा होती है. अपनी जमा पर निवेशक लोन ले सकते हैं.

5. निवेशक अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक तय फॉर्मेलिटी पूरी कर किसी भी समय अपना कैश निकाल सकता है.

इस कैटेगरी के लोगों के लिए फायदेमंद

फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट मंथली इनकम सीनियर सिटीजंस के लिए बेहतर विकल्प है जो अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखते हुए उस पर मंथली इनकम कर सकते हैं. वे अपनी जमा पूंजी को अगर क्‍यूमुलेटिव एफडी में लगाते हैं तो उन्‍हें निरंतर पैसा नहीं मिलेगा और पैसा मैच्‍योरिटी पर ही मिलेगा. वहीं, नॉन क्‍यूमुलेटिव एफडी में उनका पैसा भी सुरक्षित रहेगा, रिटर्न भी मिलेगा और उनके हाथ में हर महीने या तीन महीने में ब्‍याज के रूप में पैसा भी आता रहेगा.

टैक्स के नियम

अगर आप टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट खाते में निवेश करते हैं तो एक वित्त वर्ष में इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्शन 80C के तहत 1,50,000 रुपये तक की रकम पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. अगर किसी वित्त वर्ष में मंथली इनकम या रिटर्न 40,000 रुपये से अधिक है तो बैंक 10% TDS काटता है. सीनियर सिटीजंस के मामले में यह रकम 50,000 रुपये है.