खुशहाल भविष्य के लिए फैमिली प्लानिंग से पहले करें फाइनेंशियल प्लानिंग
प्राइमरी एजुकेशन के लिए छोटी अवधि का निवेश सही रहता है. इसके लिए डेट फंड्स, RD या FD में निवेश कर सकते हैं. इसमें स्कूल फीस, कोचिंग क्लास, अन्य चीजों के लिए निवेश करें.
बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए जितना जल्दी प्लान कर लिया जाए, उतना ज्यादा बेहतर होता है. ऐसे में फैमिली प्लानिंग से पहले ही फाइनेंशियल प्लानिंग जरूर कर लेनी चाहिए. इससे आप न सिर्फ अपने बच्चों का कल सुनहरा बना सकते हैं, बल्कि परिवार बढ़ने के साथ बढ़ने वाले खर्चों से भी आसानी से निपट सकते हैं.
परिवार के लिए किस तरह की फाइनेंशियल प्लानिंग किस तरह की हो, इस बारे में कोरट्री वेल्थ एडवाइजरी सर्विसेज के CEO ब्रिजेश परनामी ने बताया कि फैमिली प्लानिंग से पहले फाइनेंशियल प्लानिंग बहुत जरूरी है. इसलिए परिवार शुरू करने से पहले ही परिवार के बारे में फाइनेंशियल प्लानिंग कर लें. फैमली की फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए मौजूदा और आने वाले वक्त के सभी खर्चों का हिसाब लगाया जाता है. इसलिए खर्चों के मुताबिक लक्ष्य तय करें और सही जगह निवेश करें. क्योंकि सही वक्त पर सही प्लानिंग ही सुनहरे भविष्य की कुंजी होती है.
बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग
बच्चों के लिए प्लानिंग करते वक्त कई खर्च शामिल करें. इन खर्चों में स्कूल खर्च, कॉलेज खर्च, अन्य जरूरतें, शादी का खर्च आदि को शामिल करते हुए सही जगह पर निवेश करें. और इसके लिए लंबी अवधि और छोटी अवधि के निवेश तय करें.
बच्चों की पढ़ाई
बच्चों की पढ़ाई में कितना खर्च आएगा, इसका हिसाब लगा लें. शिक्षा के खर्च में प्राइमरी, सेकंडरी और प्रोफेशनल एजुकेशन के खर्च को भी शामिल कर लें. शिक्षा में इंटरनेशनल या घरेलू एक्सपोजर देना चाहते हैं, तो उसके लिए भी प्लान तैयार कर लें. बच्चों की शिक्षा के लिए हर महीने कितना पैसा चाहिए, पढ़ाई के साथ-साथ होने वाले अन्य खर्चों को भी कैलकुलेट करें
एजुकेशन प्लानिंग
एक बिजनेस स्कूल की फीस आज 25 लाख रुपये है. आपका बच्चा 5 साल बाद एडमिशन लेगा तो इसमें 8% सालाना महंगाई की गणना भी करें. यानी आपको 5 साल बाद 36.73 लाख रुपये की फीस देनी होगी.
पढ़ाई के लिए स्मार्ट निवेश
पढ़ाई के खर्चों का कैलकुलेशन करने के बाद अब इन खर्चों के लिए निवेश प्लान करें. पढ़ाई के निवेश के लिए SIP भी शुरू करनी पड़ सकती है. पढ़ाई के लिए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म निवेश करना चाहिए.
प्राइमरी एजुकेशन के लिए छोटी अवधि का निवेश सही रहता है. इसके लिए डेट फंड्स, RD या FD में निवेश कर सकते हैं. इसमें स्कूल फीस, कोचिंग क्लास, अन्य चीजों के लिए निवेश करें.
प्राइमरी के बाद हायर एजुकेशन के लिए लंबी अवधि का निवेश करना चाहिए. लंबी अवधि का लक्ष्य है तो इक्विटी में निवेश सही रहता है. लक्ष्य के लिए इक्विटी में 75-80 फीसदी रकम निवेश करें और इसके लिए लार्ज/मिड/मल्टी कैप फंड्स में अपना निवेश कर सकते हैं. लंबी अवधि के लॉक-इन इंस्ट्रूमेंट में भी निवेश सही माना जाता है.
कई AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) ने बच्चों के लिए स्पेशल निवेश प्लान शुरू किए हुए हैं. जैसे- लंबी अवधि के लिए फंड्स (लार्ज कैप) के लिए Mirae Asset Large Cap Fund, SBI ब्लूचिप फंड, Axis ब्लूचिप फंड.
इसके अलावा लंबी अवधि के लिए फंड्स (मल्टी कैप) में कोटक स्टैण्डर्ड मल्टीकैप फंड, मोतीलाल ओसवाल मल्टीकैप 35 फंड में निवेश कर सकते हैं.
एजुकेशन लोन
अगर इतनी सारी प्लानिंग के बावजूद पढ़ाई के लिए पैसे कम पड़ जाएं तो ऐसे में एजुकेशन लोन काफी अहम हो जाता है. कोर्स पूरा होने के बाद लोन का भुगतान करना होता है. लोन के रीपमेंट के ब्याज पर 80E के तहत भी टैक्स छूट मिलती है.
बच्चों की शादी की प्लानिंग
एजुकेशन प्लानिंग की तरह ही बच्चों की शादी की प्लानिंग करना भी अहम है. शादी की उम्र, खर्च और कॉर्पस के लिए खर्च की गणना करनी चाहिए और बच्चों की शादी का संभावित खर्च पता चलने के बाद निवेश शुरू कर दें. शादी के खर्चे के लिए भी महंगाई की गणना करें. महंगाई की गणना के बाद लक्ष्य तय कर निवेश करें.
शादी की प्लानिंग के लिए निवेश
आपने सभी खर्चों का हिसाब लगा लिया है तो शादी के लक्ष्य के लिए सही जगह निवेश करें. मौजूदा निवेश के साथ ही नया निवेश करें और इन लक्ष्यों के लिए SIP शुरू करें.
शादी के लिए गोल्ड ETF में निवेश किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड में SIP शुरू कर सकते हैं. इक्विटी में 80 फीसदी और डेट में 20 फीसदी का निवेश करें. लार्ज/मिड/मल्टी कैप फंड्स में निवेश करें और PPF, NSC जैसे प्लान में भी कुछ निवेश करें. इसके लिए कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने लार्ज, मिडकैप और मल्टीकैप फंड्स शुरू किए हुए हैं.
बच्चों के लिए इंश्योरेंस भी जरूरी
इंश्योरेंस बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग का अहम हिस्सा होता है. इंश्योरेंस सिर्फ सुरक्षा के लिए करें, निवेश के लिए नहीं. फैमली के लिए जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस काफी अहम हैं. इसलिए मासिक आय का 10-15 गुना सम इंश्योर्ड वाला टर्म प्लान लें. टर्म प्लान अनहोनी पर बच्चों के लिए प्रोटेक्शन कवर होगा.
इस तरह फैमली के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करके आप अभी से बच्चों का भविष्य मजबूत कर सकते हैं.