Financial Independence vs Financial Freedom: भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. इन 76 सालों में हमने बहुत तरक्की की है, प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है और बिजनेस, नौकरी के लिए मौके भी कहीं ज्यादा हैं, हालांकि, जब हम नौकरी और फाइनेंशियल प्लानिंग की दुनिया में कदम रखते हैं तो आपका दो शब्दों से आमना-सामना होता है- Financial Independence और Financial Freedom. अकसर लोग इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल एक ही संदर्भ में करते दिख जाते हैं, लेकिन क्या ये एक ही चीजें हैं? नहीं. कैसे? आइए समझते हैं. और ये भी जानते हैं कि आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं.

Financial Independence क्या है?

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फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस फाइनेंशियल फ्रीडम का एक पार्ट हो सकता है, लेकिन फाइनेंशियल फ्रीडम फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस से कहीं ज्यादा बड़ा टर्म है. FI का मतलब तब होता है जब आपके पास पर्याप्त संपत्ति होती है, निवेश होता है और आपके खर्चे उठाने के लिए आपके पास पैसिव इनकम भी होती है, यानी आप ऐसी स्थिति में पहुंच चुके होते हैं, कि आप अगर नौकरी न कर रहे हों, या कोई पैसिव इनकम न हो तो भी आप आराम से अपने खर्चे निकाल सकते हैं.

फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस को आप नंबर में माप सकते हैं. जैसे कि अगर आपके सालाना खर्चों के 25 गुना संपत्ति और पैसा है तो आप फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट हैं. ये एक बड़ा गोल है, जिसे हासिल करने में आपको सालों या दशकों लग सकते हैं.

Financial Freedom क्या होता है?

फाइनेंशियल फ्रीडम को नंबरों में नहीं मापा जा सकता है. कहते हैं फाइनेंशियल फ्रीडम एक माइंडसेट है. आप फ्री तब होते हैं जब आप पैसे का मुंह देखकर अपने फैसले नहीं लेते हैं. आप अपना पैशन फॉलो करते हैं, लाइफ में जो करना चाहते हैं, वो करते हैं. फाइनेंशियल फ्रीडम का मतलब आप अपने पैसिव इनकम का इस्तेमाल अपनी ड्रीम लाइफ जीने में करते हैं.

फाइनेंशियल फ्रीडम कैसे आती है?

फाइनेंशियल फ्रीडम तीन लेवल पर आती है-

1. Financial Security- आपके पास इतनी सेविंग्स हो, या पैसिव इनकम हो, जिससे कि अगर नौकरी जाने की नौबत आए तो भी आपके पास अपने खर्चे उठाने के लिए पैसों की कमी न हो.

2. Financial Independence- ये तब आती है, जब आपके पास बस अपने खर्चे निकालने का नहीं, बल्कि अपनी लाइफस्टाइल को सपोर्ट करने का भी इनकम सोर्स हो.

3. Financial Freedom- फाइनेंशियल फ्रीडम का मतलब इतनी सिक्योरिटी से है कि आपको अपनी ड्रीम लाइफस्टाइल जीने के लिए आपके पास पैसिव इनकम हो और आप अपने फैसले बिना पैसों का मुंह देखे ले सकें.

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