क्या जल्दी शादी करने से आर्थिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है, जानिए शादी की सही उम्र!
शादी करने का फैसला एक निजी और भावनात्मक निर्णय है, लेकिन इससे वित्तीय असर से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
शादी करने का फैसला एक निजी और भावनात्मक निर्णय है, लेकिन इससे वित्तीय असर से भी इनकार नहीं किया जा सकता. कई लोगों का मानना है कि शादी के बाद खर्च और जिम्मेदारी बढ़ जाने से आर्थिक तरक्की रुक जाती है. इससे आपकी बचत पर असर पड़ता है और करियर में आगे बढ़ने के लिए जरूरी स्किल डेवलपमेंट के लिए समय कम मिलता है. लेकिन क्या सच में ऐसा है. ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने शादी के बाद ही तरक्की की.
जल्दी शादी करने के नुकसान और फायदे
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका जीवनसाथी वर्किंग है या नहीं. अगर पति-पत्नी दोनों कामकाजी हैं तो इससे वे ज्यादा अच्छा घर ले सकते हैं, बचत ज्यादा होती है और दोनों मिलकर ज्यादा कर्ज ले सकते हैं. नुकसान की बात करें तो विचारों के टकराव की स्थिति आपके करियर को भी नुकसान पहुंचा सकती है. ज्यादा देर से शादी करने पर चाइल्ड प्लानिंग में दिक्कत आती है.
इन बातों को ध्यान में रखकर ही करें शादी का फैसला
1. आपके ऊपर कितना कर्ज है और आपके पास बचत कितनी है. शादी के बाद आपको एक बेहतर लाइफ स्टाइल की जरूरत होगी. आपके पास इसका पहले से इंतजाम होना चाहिए.
2. आपको करियर ग्रोथ या आगे स्किल डेवलपमेंट के लिए स्टडी की कितनी जरूरत है?
3. अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो क्या आपके मन में स्टार्टअप शुरू करने की इच्छा है. इस बारे में आपके जीवनसाथी की क्या सोच है?
4. आप जोखिम लेने में कितना विश्वास करते हैं. इस काम में आपके जीवन साथी का आपको कितना स्पोर्ट है?
5. बचत और खर्च के लक्ष्यों को लेकर आपकी और आपके जीवन साथी की सोच क्या है?
6. क्या आपका परिवार आप पर आर्थिक रूप से निर्भर है. भारत में बड़े बेटे के साथ अक्सर ऐसा होता है. शादी के बाद आप उनका ख्याल कैसे रखेंगे?
7. पत्नी अगर नौकरीपेशा है तो शादी के बाद उनकी कमाई को कैसे खर्च किया जाएगा. पति और पत्नी वित्तीय जिम्मेदारियों को आपस में कैसे बांटेंगे?
भारत में शादी की न्यूनतम उम्र महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21 वर्ष है. इसके बाद कब शादी करनी है, ये बेहद निजी निर्णय है और आपकी परिस्थितियों, प्राथमिकताओं और भविष्य की योजनाओं पर निर्भर करता है. ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि विवाह को लेकर पति और पत्नी दोनों की अपेक्षाएं क्या हैं और एक दूसरे के लक्ष्यों को पूरा करने में वे कितने सहायक हैं.