FD Calculator: ₹1 लाख की एफडी पर साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज के साथ रिटर्न में कितना आता है अंतर, समझें पूरा कैलकुलेशन
FD Calculator: अगर आप 1 लाख रुपये की एफडी पांच साल के लिए 10 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज पर कराते हैं तो फॉर्मूला के हिसाब से आपका कुल मेच्योरिटी अमाउंट कितना बनेगा?
FD Calculator: फिक्स्ड डिपोजिट निवेश का एक सुरक्षित और फिक्स रिटर्न देने वाला ऑप्शन है. आप अगर पांच साल के लिए एफडी (5 years FD) कराते हैं तो मेच्योरिटी पर कितना रिटर्न मिलेगा, इसे समझना जरूरी है. Groww ऐप के मुताबिक, एफडी (FD) दो तरह से हो सकते हैं. एक जिसे आप साधारण ब्याज पर कराते हैं और दूसरा चक्रवृद्धि ब्याज दर पर होता है. अगर बात रिटर्न की हो तो इन दोनों के रिटर्न में अंतर को समझा जा सकता है. हम यहां 1 लाख रुपये की पांच साल के लिए एफडी पर मेच्योरिची के समय रिटर्न का कैलकुलेशन समझने की कोशिश करते हैं.
सिम्पल ब्याज पर कैलकुलेशन
ग्रो डॉट इन के मुताबिक, एफडी पर मेच्योरिटी अमाउंट साधारण ब्याज पर कैलकुलेट (Simple interest fd calculation) करने का एक फॉर्मूला है- M = P + (Px r x t/100. आपकी जानकारी के लिए बता दें, इसमें M मतलब मेच्योरिटी अमाउंट, P का मतलब है मूलराशि यानी जो आपने डिपोजिट किया. r का मतलब है सालाना ब्याज दर. t का मतलब है एफडी की अवधि. अब उदाहरण के लिए अगर आप 1 लाख रुपये की एफडी पांच साल के लिए 10 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज पर कराते हैं तो फॉर्मूला के हिसाब से आपका कुल मेच्योरिटी अमाउंट 1,50,000 रुपये बनता है.
चक्रवृद्धि ब्याज पर कैलकुलेशन
अगर आप इतनी ही राशि की एफडी कम्पाउंड इंट्रेस्ट यानी चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest fd calculation) पर कराते हैं तो फिर इसके लिए अलग फॉर्मूला है: M = P + P{(1+i/100)t-1}. इसमें M मतलब मेच्योरिटी अमाउंट, P मूलराशि यानी जो आपने जमा किया. i का मतलब है प्रति अवधि ब्याज दर और t का मतलब है एफडी की अवधि. अब इसके हिसाब से जब कैलकुलेट (FD Calculation) किया गया तो कुल मेच्योरिटी अमाउंट 1,61,051 रुपये होता है. यानी एक ही निवेश राशि पर रिटर्न में 11,051 रुपये का अंतर आ रहा है.
एफडी पर कई बैंकों ने बढ़ाए हैं ब्याज दर
आरबीआई की तरफ से पिछले कुछ समय से रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद बैंकों, एनबीएफसी और दूसरे वित्तीय संस्थानों ने फिक्स्ड डिपोजिट पर ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी की है.जानकारों का कहना है कि पहले के मुकाबले निवेशकों के लिए एफडी (FD Calculation) कराने का अभी सही समय है. सरकारी और प्राइवेट दोनों ही बैंकों ने कस्टमर को ज्यादा ब्याज दर ऑफर किए हैं.