Father's Day 2023: निवेश का पहला सबक हमें घर से ही मिलता है. हममें से कई लोगों ने अपने पापा को हर महीने की शुरूआत और अंत में घर का बजट बनाते हुए देखा है, हर पापा अपने बच्चों को बचत और निवेश की सीख उनकी छोटी उम्र से ही देते हैं. समय बदलने के साथ ही पापा की भी जरूरतें बदल गई हैं. तो इसी बदलते समय के साथ नए पापा और रिटायरमेंट के करीब पापा की निवेश प्लानिंग कैसी हो, इस Father's Day-2023 पर देखना जरूरी हो जाता है. Money Guru शो में Optima Money के MD पंकज मठपाल और Bajaj Capital के ग्रुप डायरेक्टर अनिल चोपड़ा ने बता रहे हैं कि इस फादर्स डे अपने पापा के लिए फाइनेंशियल प्लान कैसे बनाएं. 

पापा के लिए फाइनेंशियल प्लान

नए पापा के लक्ष्य

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उम्र-30-40 साल

- टर्म,हेल्थ इंश्योरेंस

- बच्चों की पढ़ाई

- बच्चों की शादी

- नया घर/गाड़ी

- फैमिली वेकेशन

- रिटायरमेंट प्लानिंग

नए पापा का निवेश

उम्र-30-40 साल

- यह पड़ाव जरूरी लक्ष्य बनाने का है.

- सबसे पहले टर्म इंश्योरेंस खरीदें.

- मेडिकल प्लान में पत्नि, बच्चों का नाम जोड़ें.

- फिक्स्ड और वेरिएबल लक्ष्य बनाएं.

- बच्चों की पढ़ाई और रिटायरमेंट तय समय के लक्ष्य.

- नया घर,गाड़ी,वेकेशन प्लान वेरिएबल लक्ष्य के हिस्से

पंकज मठपाल के पसंदीदा फंड

ABSL Multi Cap Fund

Motilal Oswal Midcap Fund

Axis Small cap fund

पापा के लिए प्लान

उम्र-50-60 साल

- ज्यादातर लक्ष्य करीब आने की स्थिति में होते हैं.

- इस स्टेज पर पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करें.

- लक्ष्य के करीब होने पर इक्विटी से डेट में शिफ्ट करें.

- मेडिकल इंश्योरेंस की जरूरतों का आकलन करें.

पंकज मठपाल के पसंदीदा फंड

ICICI Pru. Large & Mid cap fund

Can. Robeco Emerging Equity Fund

Parag Parikh Flexi cap fund

पापा की रिटायरमेंट प्लानिंग

- रिटायरमेंट 20-25 साल बाद तो इक्विटी में निवेश करें.

- लंबी अवधि में इक्विटी ने बेहतर रिटर्न दिया है.

- इक्विटी में लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉलकैप रखें.

- NPS जैसी स्कीम में निवेश कर सकते हैं.

- साल दर साल निवेश रकम बढ़ाते जाएं.

- रिटायरमेंट प्लानिंग में महंगाई दर को जरूर जोड़ें.

अनिल चोपड़ा के पसंदीदा फंड

Tata Large & Mid Cap Fund

Nippon India Multi Cap Fund

HDFC Mid Cap Opportunity Fund

SBI Contra Fund and

HDFC Small Cap Fund

सीनियर सिटीजन पापा के लक्ष्य

- सोशल सिक्योरिटी

- रेगुलर आय

- मेडिकल खर्च

सीनियर सिटीजन-कहां निवेश करें?

- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम

- पोस्ट ऑफिस मंथली स्कीम

- सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (Senior Citzen Saving Scheme)

- अधिकतम निवेश रकम 30 लाख रुपये.

- पति और पत्नि 60 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं.

- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में 8.2% ब्याज.

- ब्याज से आय पर लगता है टैक्स.

POMIS (Post Office Monthly Income Scheme)

- पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम पर 7.1% ब्याज.

- अधिकतम 9 लाख रुपये का निवेश संभव.

- पति-पत्नि मिलकर `15 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं.

- स्कीम से मिला ब्याज टैक्सेबल होता है.

सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (SIP)

- म्यूचुअल फंड से रेगुलर आय का तरीका.

- हाइब्रिड फंड से SWP बेहतर विकल्प.

- हाइब्रिड फंड में निवेश करने के 2-3 साल बाद SWP करें.

- BAF या इक्विटी सेविंग फंड से 5-6% सालाना SWP करें.

- SWP पर 10% LTCG टैक्स का प्रावधान.

- 1 साल में `1 लाख तक का कैपिटल गेन टैक्स फ्री है.

अनिल चोपड़ा के पसंदीदा फंड

ICICI Pru Balanced Advantage Fund

HDFC Balanced Advantage Fund

Kotak Balanced Advantage Fund

Kotak Equity Savings Fund

ICICI Pru Equity Savings Fund

60 के बाद इक्विटी निवेश

- हाइब्रिड फंड में निवेश अच्छा विकल्प.

- इक्विटी सेविंग,BAF,अग्रेसिव हाइब्रिड फंड में निवेश करें.

- लार्जकैप फंड, फ्लेक्सी कैप, लार्ज एंड मिड कैप फंड सही.

- रिस्क लेना चाहते हैं तो इक्विटी एक्सपोजर बढ़ा सकते हैं.

पंकज मठपाल के पसंदीदा फंड

ICICI Pru. Balanced Advantage Fund

ABSL Balanced Advantage Fund

Nippon India Short term fund

60 के बाद हेल्थ प्लान

- बढ़ती उम्र के साथ प्रीमियम भी बढ़ता है.

- हेल्थ के मुताबिक पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस लें.

- कम से कम `25 लाख तक का कवर जरूर लें.

- फैमिली फ्लोटर प्लान लेना और भी बेहतर.

- बेसिक कवर में सुपर टॉप-अप करवा सकते हैं.

- बच्चे की मेडिक्लेम पॉलिसी में नाम जोड़ें.

- क्रिटिकल इलनेस प्लान को हेल्थ इंश्योरेंस में जोड़ें.

- इंश्योरेंस कंपनियों के सीनियर सिटीजन हेल्थ प्लान मौजूद.

- रिटायरमेंट पर कंपनी की मेडिक्लेम पॉलिसी पोर्ट कराएं.

- बीमारी के लिए इमरजेंसी फंड हाथ में रखें.

वसीयत प्लान करें

- आपकी संपत्ति किसे जाएगी सोच-समझकर तय करें.

- वसीयत को कभी भी बदल सकते हैं.

- वसीयत हाथ से लिखी या कंप्यूटराइज्ड हो सकती है.

- समय-समय पर वसियत को अपडेट करें.

- वसीयत को रजिस्टर जरूर कराएं.