प्रॉविडेंट फंड (PF) किसी भी व्‍यक्ति के बाद रिटायरमेंट बाद जीवन की पूंजी होता है. PF खाताधारक को न सिर्फ पेंशन मिलती है बल्कि इसके और भी कई लाभ हैं, जिससे उसका परिवार सुरक्षित रहता है.

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आप अपने EPF खाते में योगदान बढ़ाकर अपनी पेंशन में खासी बढ़ोतरी कर सकते हैं. यानि आपकी सैलरी से जो अनिवार्य 12 फीसदी हिस्‍सा EPF खाते में जाता है, उसमें आप स्‍वैच्छिक तौर पर और 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकते हैं. यानि अगर आपका वेतन 15 हजार रुपए है तो आपका इम्‍प्‍लॉयर 1250 रुपए की कटौती कर उसे आपके EPF खाते में जमा कर देगा.

टैक्‍स एक्‍सपर्ट अनिल के. श्रीवास्‍तव के मुताबिक लेकिन यहां आप स्‍वैच्छिक तौर पर और 1250 रुपए अपने वेतन में से हर महीने कटवा सकते हैं. इससे EPF खाते में जमा होने वाली रकम दोगुनी हो जाएगी, जिसका असर रिटायरमेंट बाद आपकी पेंशन पर पड़ेगा.

EPF खाते के और भी फायदे

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को EPFO कई तरह की सहूलियत देता है. मसलन,

1. खाताधारक और पत्‍नी को पेंशन : पेंशन 58 साल की उम्र से मिलना शुरू होती है. 

2. विधवा पेंशन : अगर EPF खाताधारक की मृत्‍यु हो जाती है तो उसकी विधवा पत्‍नी को आजीवन पेंशन मिलेगी. हां, अगर वह दूसरा विवाह कर लेती है तो पेंशन बंद हो जाएगी. साथ ही 2 बच्‍चों को पेंशन का 25 प्रतिशत अतिरिक्‍त मिलता है.

3. अनाथ को पेंशन : अगर PF खाताधारक की पत्‍नी नहीं है तो 2 बच्‍चों को 25 साल की उम्र तक तय पेंशन का 75 प्रतिशत हिस्‍सा मिलेगा.

4. डिसेबिलिटी पर : अगर कोई EPS खाताधारक दिव्‍यांग (Disability) हो जाता है तो उसे आजीवन पेंशन मिलेगी.

5. अर्ली पेंशन : कोई भी EPS खाताधारक 50 वर्ष पूरा करने के बाद अर्ली पेंशन की अर्जी दे सकता है. लेकिन यह सशर्त होगी.