PPF Rules: मैच्योरिटी के पहले हो जाए अकाउंटहोल्डर की मृत्यु तो नॉमिनी को कैसे मिलेंगे पैसे? जानें नियम
PPF Rules: अगर किसी अकाउंटहोल्डर की अकाउंट की मैच्योरिटी से पहले ही मृत्यु हो जाए तो उसके अकाउंट का क्या होगा? आइए जानते हैं ऐसी स्थिति में EPFO के क्या नियम हैं.
PPF Rules: पब्लिक प्रॉविडेंट फ्रंड देश में सुरक्षित निवेश के लिए काफी पॉपुलर स्कीम है. टैक्स फ्री रिटर्न पाने और रिटायरमेंट कॉर्पस तैयार करने के लिए इस स्कीम में लाखों निवेशक निवेश करते हैं. इस स्कीम में आपको आंशिक निकासी, नॉमिनेशन बेनेफिट्स सहित कई अन्य सुविधाएं मिलती हैं. लेकिन अगर किसी अकाउंटहोल्डर की अकाउंट की मैच्योरिटी से पहले ही मृत्यु हो जाए तो उसके अकाउंट का क्या होगा? आइए जानते हैं ऐसी स्थिति में EPFO (Employee's Provident Fund Organization) के क्या नियम हैं.
PF अकाउंटहोल्डर की मृत्यु की स्थिति में क्या होगा? (PPF Account Death Claim)
जब भी किसी पीएफ अकाउंटहोल्डर की मृत्यु हो जाती है तो उसका पीएफ अकाउंट तबतक चालू रहता है, जब तक कि उसका नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी उसके अकाउंट से पूरे पैसे निकाल न ले. यह अकाउंट जारी नहीं रखा जा सकता. ये बस तबतक ही जारी रहेगा, जबतक इसमें पैसे रहेंगे. अगर सब्सक्राइबर की डेथ के बाद और अमाउंट डाला जाता है, तो उसपर इंटरेस्ट भी नहीं मिलेगा. अकाउंटहोल्डर के निधन के बाद नॉमिनी को अकाउंट की 15 साल की अवधि पूरी होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं होती, वो डेथ क्लेम फॉर्म और इसके साथ जरूरी दस्तावेज भरकर ये पैसे विदड्रॉ कर सकता है.
नॉमिनी कैसे निकाल सकता है पैसे?
पीएफ अकाउंटहोल्डर का नॉमिनी जरूरी दस्तावेज जमा करके अकाउंट से पूरे पैसे निकाल सकता है. उसे इसके लिए Form G और सब्सक्राइबर का डेथ सर्टिफिकेट देना होता है. कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि पीएफ सब्सक्राइबर ने अपना कोई नॉमिनी नहीं बनाया होता है. ऐसी स्थिति में उसका कानूनी उत्तराधिकारी डेथ क्लेम डाल सकता है. लेकिन उसे डेथ सर्टिफिकेट के साथ-साथ सक्सेशन सर्टिफिकेट या फिर कोर्ट से प्रोबेट ऑफ विल की एक अटेस्टेड कॉपी भी देनी होगी. हां, ये नियम भी होता है कि कानूनी उत्तराधिकारी 1 लाख तक का अमाउंट बिना सक्सेशन सर्टिफिकेट के क्लेम कर सकता है. साथ ही अगर अकाउंटहोल्डर ने किसी और को नॉमिनी बनाया भी हो तो भी वैध कानूनी उत्तराधिकारी सक्सेशन सर्टिफिकेट डालकर पीएफ अकाउंट का पैसा क्लेम कर सकता है.
डेथ क्लेम डालने वाले नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को एक बात पता होनी चाहिए कि अगर सब्सक्राइबर का अकाउंट पर किसी तरह का क्रेडिट या ऋण बकाया है, तो क्लेम प्रोसीड में से कट जाएगा और फिर क्लेमेंट को बाकी का पैसा मिलेगा.
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