गारंटीड रिटर्न और मोटा फंड, ये दोनों हैं आपकी जरूरत तो VPF के जरिए प्रोविडेंट फंड में बढ़ाएं निवेश, जानें प्रोसेस और फायदे
Voluntary Provident Fund Benefits: पीएफ में आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के साथ गारंटीड रिटर्न मिलता है, इसके कारण वेल्थ क्रिएशन तेजी से होता है. वीपीएफ के जरिए पीएफ अकाउंट में आप अपने निवेश को बढ़ाकर पीएफ पर मिलने वाले तमाम फायदे ले सकते हैं.
गारंटीड रिटर्न और मोटा फंड, ये दोनों हैं आपकी जरूरत तो VPF के जरिए प्रोविडेंट फंड में बढ़ाएं निवेश, जानें प्रोसेस और फायदे
गारंटीड रिटर्न और मोटा फंड, ये दोनों हैं आपकी जरूरत तो VPF के जरिए प्रोविडेंट फंड में बढ़ाएं निवेश, जानें प्रोसेस और फायदे
अगर आप नौकरीपेशा कर्मचारी हैं और अपने पैसों को किसी ऐसी जगह पर निवेश करना चाहते हैं, जहां पर आपको गारंटीड रिटर्न मिले और भविष्य में मोटा फंड जमा हो जाए, तो वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund - VPF) आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. VPF के जरिए आप हर महीने अपने प्रोविडेंट फंड में होने वाले योगदान को बढ़ा सकते हैं. पीएफ में आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के साथ गारंटीड रिटर्न मिलता है, इसके कारण वेल्थ क्रिएशन तेजी से होता है. मौजूदा समय में इस पर 8.1 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. ऐसे में लंबे समय तक पीएफ अकाउंट में ज्यादा पैसे निवेश करके आप अच्छा खास अमाउंट जोड़ सकते हैं. जानें Voluntary Provident Fund के फायदे और निवेश के तरीके.
ये हैं वीपीएफ के फायदे
- VPF का सबसे पहला फायदा तो ये है कि इस पर आपको सरकार वही ब्याज देती है जो EPF अकाउंट पर मिलता है. यानी अगर आप वीपीएफ के जरिए पीएफ अकाउंट में अपना कॉन्ट्रीब्यूशन बढ़ाते हैं तो मौजूदा समय में आपको 8.1 फीसदी के हिसाब से ही ब्याज मिलेगा.
- VPF में EPF की तरह सैलरी कटाने की कोई सीमा तय नहीं होती. कर्मचारी चाहे तो वीपीएफ के जरिए बेसिक सैलरी का 100 फीसदी तक योगदान भी कर सकता है. यानी अगर आप वीपीएफ के जरिए निवेश बढ़ाते हैं तो आप 12 फीसदी से ऊपर जितना चाहें पीएफ योगदान कर सकते हैं.
- सरकारी स्कीम होने के नाते इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है. फिलहाल ईपीएफओ की तरफ से मिलने वाला ब्याज एफडी, सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ आदि तमाम सेविंग्स स्कीम से बेहतर है.
- वीपीएफ अकाउंट को भी ईपीएफ की तरह से ट्रांसफर किया जा सकता है. लेकिन एक बार VPF का विकल्प चुनने के बाद, कम से कम 5 साल तक उसमें पैसा जमा करना अनिवार्य है.
- वीपीएफ का लॉक इन पीरियड 5 साल का है. 5 साल की नौकरी पूरी होने के बाद किए जाने वाले विड्रॉल पर कोई टैक्स नहीं कटता है. हालांकि इससे पहले VPF निकालने पर, आपको उस पर अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.
- वीपीएफ के ब्याज और निकासी की रकम टैक्स फ्री होती है. इसलिए इसे Exempt-Exempt-Exempt (E-E-E) श्रेणी का निवेश माना जाता है. वीपीएफ में आपको आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता है. इस फंड में आप एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपए तक की टैक्स छूट के लिए दावा कर सकते हैं.
कैसे करें निवेश
अगर आप भी वीपीएफ में निवेश करने में रुचि रखते हैं तो आपको अपनी कंपनी के HR से मिलकर उसे ये बताना होगा कि आप पीएफ में अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं. HR की मदद से आप अपना वीपीएफ अकाउंट भी ईपीएफ के साथ-साथ खोल सकते हैं. आपको अपनी सैलरी का कितना योगदान बढ़ाना है, इसके बारे में आपको एक फॉर्म भरकर HR को देना होगा. इसके बाद EPF Account के साथ आपके VPF अकाउंट की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इस प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप वीपीएफ में अपनी Salary से पैसा कटवाना चालू कर सकते हैं.
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12:02 PM IST