EPF अकाउंट से बच्चों की शादी, पढ़ाई और प्लॉट के लिए करनी हो आंशिक निकासी, तो जरूर जान लें ये नियम
अगर नौकरी के बीच में कर्मचारी बच्चों की पढ़ाई, शादी, मकान या जमीन की खरीददारी के लिए ईपीएफ रकम की निकासी करना चाहता है, तो वो ईपीएफ से आंशिक निकासी कर सकता है. इसके लिए उसे कुछ नियमों को जानना जरूरी है.
EPF अकाउंट से बच्चों की शादी, पढ़ाई और प्लॉट के लिए करनी हो आंशिक निकासी, तो जरूर जान लें ये नियम
EPF अकाउंट से बच्चों की शादी, पढ़ाई और प्लॉट के लिए करनी हो आंशिक निकासी, तो जरूर जान लें ये नियम
नौकरीपेशा लोगों के लिए ईपीएफ बचत का एक बेहतर जरिया होता है. हर महीने उनकी बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी अमाउंट कटकर ईपीएफ (Employee Provident Fund) में चला जाता है. इतना ही पैसा कंपनी की ओर से भी जमा किया जाता है. इस पर सरकार फिलहाल 8.1 फीसदी के हिसाब से ब्याज दे रही है, जो तमाम स्कीम्स की तुलना में काफी बेहतर है. इस तरह ईपीएफ के बहाने कर्मचारी के पास नौकरी करने के साथ ही अच्छी खासी रकम इकट्ठी हो जाती है.
इस पूरी रकम को कर्मचारी दो स्थितियों में निकाल सकता है. पहला, उसकी नौकरी छूट जाए और वो दो महीने तक लगातार बेरोजगार रहे और दूसरा, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी कभी भी ईपीएफ के पैसों को विद्ड्रॉल कर सकता है. लेकिन अगर नौकरी के बीच में कर्मचारी को बच्चों की पढ़ाई, शादी, मकान या जमीन की खरीददारी के लिए रकम की जरूरत पड़े, तो वो ईपीएफ से आंशिक निकासी कर सकता है. इसके लिए उसे कुछ नियमों को जानना जरूरी है. यहां जानिए ईपीएफ से आंशिक निकासी के नियम.
शादी के लिए
अगर आपकी बहन, बेटी, बेटा या किसी खास परिवारीजन की शादी है और आप ईपीएफ फंड की निकासी करना चाहते हैं तो इसके लिए 7 वर्ष की नौकरी होना जरूरी है. 7 वर्ष की नौकरी के बाद आप अपने अंशदान की 50 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.
पढ़ाई के लिए
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
Adani Group को एक ही दिन में दूसरा झटका! NSE ने ग्रुप कंपनियों से मांगी सफाई, ₹2.45 लाख करोड़ का मार्केट कैप स्वाहा
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
अगर आपको अपनी या बच्चों की शिक्षा के लिए ईपीएफ से आंशिक निकासी करनी है, तो भी आपको 7 साल तक इंतजार करना होगा. 7 साल की नौकरी के बाद आपको ये अधिकार होता है कि आप ईपीएफ अकाउंट से अपने योगदान का 50 फीसदी तक निकाल सकें.
नौकरी छूटने पर
अगर आपकी नौकरी छूट गई है या आपने छोड़ दी है और एक महीने बाद ही आप फंड की निकासी करना चाहते हैं; तो आप 75 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं. बकाया राशि को नए रोजगार मिलने पर आपके नए EPF खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. लेकिन दो महीने लगातार बेरोजगार रहने पर आप पीएफ की पूरी रकम निकाल सकते हैं.
मकान या जमीन के लिए
यदि कर्मचारी 5 सालों तक निरंतर सेवा में है, तो वो घर के निर्माण या खरीद या मरम्मत के लिए राशि निकाल सकता है. लेकिन ये रकम एक नियम के अनुसार एक निश्चित सीमा तक ही निकाली जा सकती है. वहीं होम लोन के लिए कर्मचारी को कम से कम 3 साल तक सेवा में होना जरूरी है. ऐसे में वो ईपीएफ अकाउंट में कुल योगदान (कर्मचारी+नियोक्ता दोनों का अंशदान) का 90 प्रतिशत तक राशि निकाल सकता है.
मेडिकल उपचार के लिए
गंभीर बीमारी के इलाज, काम के दौरान किसी हादसे में स्थायी रूप से विकलांग होने पर, कंपनी के बंद हो जाने पर आदि इस तरह की आपात स्थिति में कोई शर्त नहीं है. आप कभी भी ईपीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
02:35 PM IST