Education Loan: अगर आप अपने या अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो ये खबर आपके बड़े काम की है. मौजूदा समय में हर पैरेंट्स की इच्छा होती है कि अपने बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए देश-विदेश के अच्छे कॉलेज में भेज सके. हालांकि, इसके लिए एजुकेशन लोन मिलना किसी चुनौती से कम नहीं है. इसी सवाल के जवाब में सरकार से सोमवार को लोकसभा में पूछा गया कि पिछले 2 साल में कितने एजुकेशन लोन को रिजेक्ट किया गया है.

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लोकसभा में प्रणिति सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को सरकार से लिखित सवाल पूछा कि क्या एजुकेशन लोन लेने के लिए लोगों को कुछ गिरवी में रखना होता है और बैंकों ने पिछले 2 साल में कुल कितने एजुकेशन लोन के एप्लिकेशन को रिजेक्ट किया है. सरकार की तरफ से वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसका जवाब दिया है.

एजुकेशन लोन का क्या है नियम?

चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों (SCB) को भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा तैयार की गई मॉडल के अनुसार एजुकेशन लोन देने की सलाह दी है. इसमें कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है. जैसे,

  • यह योजना आवश्यकता-आधारित एजुकेशन लोन प्रदान करती है.
  • 7.50 लाख रुपये तक की लोन राशि के लिए किसी गिरवी या तीसरे पक्ष की गारंटी की आवश्यकता नहीं है, बशर्ते वे केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी योजना (सीएसआईएस) / शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) के लिए पात्र हों.
  • 4 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन के लिए कोई मार्जिन नहीं.
  • सभी मामलों में अध्ययन अवधि और एक वर्ष तक मोरेटोरियम अवधि की अनुमति है.
  • सभी ऋणों के लिए पुनर्भुगतान अवधि (मोरेटोरियम के बाद) 15 वर्ष तक उपलब्ध है.

सरकारी बैंक (PSB) भी अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार 7.50 लाख रुपये से अधिक का गिरवी मुक्त लोन प्रदान करते हैं.

कितने एजुकेशन लोन हुए रिजेक्ट

पिछले 2 साल में रिजेक्ट हुए एजुकेशन लोन के सवाल पर उन्होंने आगे बताया कि IBA के नियमों के मुताबिक, सरकारी बैंक रिजेक्ट किए गए एजुकेशन लोन के एप्लिकेशन का कोई सेंट्रल रिकॉर्ड नहीं रखते हैं. हालांकि, IBA मॉडल एजुकेशन लोन स्कीम के मुताबिक लोन को रिजेक्ट करने की सूचना और रिजेक्शन का कारण एप्लिकेंट को बताया जाता है.

एजुकेशन लोन में हुई कितनी वृद्धि

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सरकारी बैंकों के लोन अकाउंट और बांटे गए लोन की वैल्यू में 17 फीसदी और 14.8 फीसदी की वृद्धि सालाना आधार पर हुई है.