Diwali Shopping Tips: एक बार फिर हम सब चकाचौंध और धन-धान्य-एश्वर्य के पर्व धनतेरस और दीपावली के बीच खड़े हैं. देश की गलियों में रौशनी का नशा छाया हुआ है, बाजारों और मॉल्स में सोने-चांदी के शोरूम्स के आगे भव्यता के दीवाने भीड़ लगा रहे हैं. वो दिन आ गया है जब घरों की सफाई होती है, दिलों में ख़ुशियों की भराई होती है और धनवान होने की उमंगों की तराई होती है. एक तरफ लक्ष्मी जी का स्वागत हो रहा है तो दूसरी तरफ लोग घरों को सजाने, नए गहने और गैजेट्स खरीदने में जुटे हैं. भारतीय परंपराओं की बात ही निराली है, लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए तो खरीदारी कीजिए. पर उमंगों से भरी इस खरीदारी के साथ एक अनचाही मुसीबत भी चुपके से आपके घर आ सकती है - वो है कर्ज. अनुमान हैं कि आसान क्रेडिट और अनसिक्योर्ड लोन्स की सुविधा से इस बार दिवाली पर लोग पहले से ज्यादा खर्च कर रहे हैं, लेकिन कहीं ये खर्च आगे चलकर परेशानी का सबब न बन जाए.

देश में कर्ज का बढ़ता चलन

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भारत के कई बड़े बैंकों ने त्योहारी सीजन में कर्ज देने की दर में इजाफा दर्ज किया है. मसलन HDFC बैंक ने सितंबर तिमाही में पर्सनल लोन कैटेगरी में 10% की बढ़ोतरी दर्ज है. ICICI बैंक के पर्सनल लोन 17% और क्रेडिट कार्ड कर्ज 28% तक बढ़े हैं. इसी तरह, कोटक महिंद्रा बैंक के पर्सनल लोन में 17% वृद्धि और क्रेडिट कार्ड कर्ज में 15% का इजाफा हुआ है. सरकारी बैंकों का भी यही रुझान दिखता है. बैंक ऑफ बड़ौदा ने पर्सनल लोन में 25% की बढ़त दर्ज की, जबकि यस बैंक के क्रेडिट कार्ड लोन 48.6% तक बढ़े हैं.

अनसिक्योर्ड लोन्स पर RBI की चेतावनी

हालांकि आप ये भी कह सकते हैं कि त्योहारों के महीनों में यह वृद्धि आशावाद और उत्साही बाजार के कारण दिख रही है. लेकिन आरबीआई की चिंता छोटी चादर में लंबे पैर फैलाने वालों को लेकर है. यही वजह है कि रिजर्व बैंक पिछले साल से ही इस तरह के बढ़ते कर्ज पर ध्यान देते हुए लोगों और बैंकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहा है. आरबीआई के मुताबिक "सावधानीपूर्वक खर्च" का जो दौर शुरू हुआ था, वह कभी भी फिसलन भरे रास्ते में तब्दील हो सकता है. कम मासिक किस्तें और बिना ब्याज वाली ईएमआई ग्राहकों को अधिक खर्च करने के लिए लुभाती हैं, और वे अक्सर यह कड़वी सच्चाई भूल जाते हैं कि हर क्रेडिट कार्ड का स्वाइप दरअसल एक उधारी है. 

कई जानकार तो ये तक मानते हैं कि त्योहारों के बाद तीसरी तिमाही में NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि लोग कर्ज का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. आरबीआई मार्च 2023 से यह चेतावनी लगातार दे रहा है. खासतौर पर कोविड के बाद, लोगों में पर्सनल लोन लेने की होड़ लगी हुई है, जिसमें छोटे-ticket लोन, गोल्ड लोन और क्रेडिट कार्ड शामिल हैं. आरबीआई के मुताबिक ये इस बात को दर्शाता है कि कैसे लोग बिना सोचे-समझे कर्ज लेने में लगे हैं और बैंक बेपरवाही में कर्ज बांटे जा रहे हैं.

लक्ष्मी जी का 'कर्ज मारक' मंत्र  

देखा जाए तो कर्ज लेना तो आसान है, लेकिन चुकाना एक कठिन सफर हो सकता है. वैसे भी कहा जाता है कि सबसे आसान पैसा कर्ज ही होता है. ऐसे में जानते हैं कुछ उपायों के बारे में, जिनसे हम कर्ज-मुक्त दिवाली मना सकते हैं. ज़ी बिज़नेस पर हुए तमाम कार्यक्रमों में कर्ज मुक्त दिवाली के लिए दिग्गज जानकारों ने कुछ सुझाव दिए हैं, इसलिए अगर आप भी इस धनतेरस और दिवाली पर खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो कर्ज मुक्त रहने के लिए इन सुझावों पर जरूर अमल करें:

  1. जरूरी चीजों की लिस्ट बनाएं: पहले से सोच लें कि आपको किन चीजों की वाकई जरूरत है और अपनी खरीदारी को उसी के हिसाब से सीमित रखें.
  2. क्रेडिट कार्ड का सीमित उपयोग करें: क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते समय ध्यान रखें कि यह उधार पैसा है, जिसे वापस चुकाना पड़ेगा. कोशिश करें कि केवल उतना ही खर्च करें जितना आपके पास मौजूद है.
  3. ईएमआई का सोच-समझकर चुनाव करें: हर चीज के लिए ईएमआई लेना जरूरी नहीं है. अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो उस चीज को खरीदने का इंतजार करें.
  4. बजट बनाएं और उसका पालन करें: त्योहारों पर खर्चों का बजट बनाएं और उससे बाहर न जाएं.

तो चलिए लक्ष्मी जी का स्वागत इस बार समझदारी से करते हैं ताकि उनका आगमन त्यौहार के बाद भी महसूस किया जा सके. इस धनतेरस और दिवाली पर लक्ष्मी की कृपा तो जरूर हो, लेकिन साथ में कर्ज का बोझ न हो. सभी की तरफ से, आपको धनतेरस-दीवाली की ढेर सारी शुभकामनाएँ!