कहा जाता है कि निवेश जितनी जल्‍दी शुरू किया जाए, भविष्‍य के लिए आप उतनी ही बेहतर सेविंग्‍स कर सकते हैं. लेकिन अगर आपने अभी-अभी कमाई करना शुरू किया है, तो निवेश करने से पहले आपको कुछ जरूरी काम निपटाने चाहिए, ताकि बाद में आपके सामने किसी तरह के पछतावे की नौबत न आए. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.

इमरजेंसी फंड तैयार करें

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अचानक आने वाली किसी भी आपात स्थिति जैसे- नौकरी चले जाने, बिजनेस ठप होने या परिवार पर कोई बड़ी मुसीबत आने या किसी अन्‍य तरह की इमरजेंसी कंडीशन से निपटने के लिए थोड़ा इमरजेंसी फंड बनाना बहुत जरूरी है. ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि किसी भी व्‍यक्ति को अपनी छह महीने की सैलरी के बराबर पैसे को इमरजेंसी फंड के तौर पर रखना चाहिए.  ये फंड आपके निवेश या बचत का हिस्‍सा नहीं होना चाहिए.  इस फंड को किसी ऐसी जगह रखें, जहां से ये आपको आसानी से उपलब्‍ध हो सके. आप बैंक में इसकी एफडी बनवाकर भी डाल सकते हैं.

मेडिकल इंश्‍योरेंस करवाएं

ज्‍यादातर यंग इन्‍वेस्‍टर्स मेडिकल इंश्‍योरेंस लेना अपनी जिम्‍मेदारी नहीं समझते हैं. लेकिन ये बहुत जरूरी है. किसी को भी नहीं प‍ता कि सेहत को लेकर कब इमरजेंसी की नौबत आ जाएगी. इसके अलावा आपके माता-पिता भी अगर बुजुर्ग हैं, तो उन्‍हें भी इस उम्र पर अस्‍पतालों के चक्‍कर काटने पड़ सकते हैं. अगर आप इन स्थितियों के लिए खुद को तैयार नहीं करेंगे, तो आपको आगे चलकर परेशानी उठानी पड़ेगी. ऐसे में आपका इकट्ठा किया हुआ पैसा कितना मेडिकल एक्‍सपेंसेज में खर्च होगा. इसलिए पहले से इस मामले में सजग रहने में समझदारी है.

कर्ज के जाल से खुद को बचाएं

आजकल क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल ज्‍यादातर लोग करते हैं. जब आप कमाना शुरू करते हैं तो आपके कई तरह के शौक सामने आते हैं. इन्‍हें पूरा करने के लिए कई बार यूथ क्रेडिट कार्ड के जाल में फंस जाते हैं. कई बार वे क्रेडिट कार्ड से हद से अधिक खर्च करने के कारण बाद में उसे भरने में समस्‍या आती है. अमाउंट ज्‍यादा हो और ग्रेस पीरियड में न चुका पाए तो काफी ज्‍यादा ब्‍याज के साथ चुकाना होता है. इसलिए इस कर्ज को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है. समझदारी इसी में है कि जरूरी बिल चुकाने या खरीदारी करने के लिए यंग लोग क्रेडिट कार्ड के बजाय डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करें. इससे आपको अंदाजा लगा रहेगा कि आपके पास अकाउंट में कितना पैसा बचा है.

टैक्‍स न भी दें तो बुनियादी बातें जान लें

आपको नौकरी की शुरुआत में भले ही टैक्‍स न देना पड़े, लेकिन आगे चलकर जब सैलरी ज्‍यादा हो जाएगी तब टैक्‍स देना ही होगा. इसलिए बेहतर है कि आप पहले से ही टैक्‍स के बारे में बुनियादी बातें जान लें. जैसे आईटीआर कैसे फाइल करते हैं, किस तरह के निवेश पर इनकम टैक्स छूट ले सकते हैं और आपकी सैलरी का कौन का हिस्सा है, जिस पर टैक्स छूट मिलती है और आपके निवेश पर किस तरह से टैक्‍स लगेगा आदि.

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