रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वन रैंक वन पेंशन (OROP) को तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. इस स्कीम की अब समीक्षा की जाएगी, ताकि इसकी खामियों को दूर किया जा सके और हर पूर्व सैनिक को इसका लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि अब तक लगभग सभी सैनिक-पूर्व सैनिकों तक इसका लाभ पहुंचाया जा चुका है. जिनको अभी इसका फायदा नहीं मिला है, उन्हें भी जल्दी ही इससे जोड़ा जाएगा.

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सोमवार को देहरादून के हाथीबड़कला में भारतीय सर्वेक्षण विभाग के ऑडिटोरियम में आयोजित शौर्य सम्मान कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्यों को लेकर बेहद संवेदनशील है. उनके लिए काम भी कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद से ओआरओपी के लिए अलग से बजट का इंतजाम किया गया है. अभी तक लगभग 35 हजार करोड़ रुपये इस मद में बांटे जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि एक रिटायर सैनिक की न्यूनतम पेंशन को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये मासिक कर दिया गया है. 

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा सैनिक कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि वीरगति को प्राप्त हो चुके सैनिकों की याद में दिल्ली में वार मेमोरियल भी बनाया गया है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि सेवा के दौरान विकलांगता से जुडे मामलों में आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल सैनिक के पक्ष में निर्णय करेगा, सरकार उसका पालन करेगी. इसके अलावा शॉर्ट सर्विस कमीशन सेवा से जुड़ी महिला अधिकारियों को जल, थल और वायु सेना में पुरुषों के समान सेना में स्थायी कमीशन दिया जाएगा. सैनिक तथा पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों के बेहतर इलाज के लिए एम्स की तर्ज पर 200 बेड क्षमता के तीन अस्पताल देश में बनाए जाएंगे.