देश के करोड़ों गरीब श्रमिकों और उनके परिवार के लिए आई अच्छी खबर, अस्पताल में इलाज को लेकर सरकार ने किया बड़ा ऐलान
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के बिस्तरों और अस्पतालों की संख्या जल्द ही बढ़ाई जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में ईएसआईसी के तहत बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 28,116 जबकि अस्पतालों की संख्या बढ़ाकर 241 की जाएगी.
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के बिस्तरों और अस्पतालों की संख्या जल्द ही बढ़ाई जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में ईएसआईसी के तहत बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 28,116 जबकि अस्पतालों की संख्या बढ़ाकर 241 की जाएगी. भूपेंद्र यादव ने ईएसआईसी के 71वें स्थापना दिवस पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 में ईएसआईसी के तहत 18,933 बिस्तर और 151 अस्पताल थे.
वर्तमान में 160 ईएसआईसी अस्पतालों में हैं 20,211 बेड
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईएसआईसी 2.0 की शुरुआत की और 8 साल बाद ईएसआईसी के बिस्तरों की संख्या बढ़कर 20,211 और अस्पतालों की संख्या बढ़कर 160 हो गई. आने वाले दिनों में बिस्तरों की संख्या 28,116 और अस्पतालों की संख्या 241 हो जाएगी.”
ESIC के तहत बीमित व्यक्तियों को मिलने वाले लाभ
बताते चलें कि ESIC के तहत बीमित कर्मचारियों और उनके आश्रितों को कंप्लीट मेडिकल केयर मिलती है. इसमें मेडिकल अटेंडेंस, ट्रीटमेंट, दवाइयां, इंजेक्शन, स्पेशलिस्ट कंसल्टेशन और हॉस्पिटलाइजेशन भी शामिल है. इतना ही नहीं, ESIC अपने बीमित सदस्यों को इम्यूनाइजेशन और फैमिली वेलफेयर सर्विसेज भी मुहैया कराता है. ESIC में बीमित व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्य के इलाज पर खर्च की कोई सीमा नहीं है. इसके अलावा 120 रुपये के सालाना प्रीमियम के भुगतान पर रिटायर्ड और स्थायी रूप से विकलांग बीमित व्यक्तियों और उनके पति या पत्नी को मेडिकल केयर भी प्रदान किया जाता है.
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए क्या है सरकार का प्लान
भूपेंद्र यादव ने यहां देश में असंगठित कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के लगभग 29 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं. ये राष्ट्रीय डाटाबेस असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को अलग-अलग सामाजिक सुरक्षा लाभ पहुंचाने में मददगार साबित होगा.
भाषा इनपुट्स के साथ