Central Government Employees news: केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness allowance) बढ़ चुका है. 38 फीसदी की दर से उन्हें भुगतान हो रहा है. लेकिन, पिछले कई सालों में केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की डिमांड पर गौर नहीं किया गया है. अब केंद्र सरकार इस तरफ ध्यान दे रही है. 7th CPC की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary) को बढ़ाने पर विचार चल रहा है. दरअसल, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती. इसलिए उन्हें खुश करने के लिए विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को बढ़ाया जा सकता है. फिलहाल, फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 रुपए है. फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना निर्धारित किया गया है. केंद्रीय कर्मचारियों की डिमांड थी कि इसे 3.68 गुना रखा जाए. अगर ऐसा होता तो मिनिमम सैलरी 26,000 रुपए होती. लेकिन, अब नई चर्चा ये है कि इसे बढ़ाकर 3 गुना करने पर सहमति बन सकती है. हालांकि, इस पर कोई भी फैसला अगले साल बजट के बाद ही होगा.

कितनी बढ़ सकती है सैलरी?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक उदाहरण के तौर पर समझिए- अगर फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3 गुना किया जाता है तो कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा हो सकता है. मान लीजिए किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए बनती है. अगर इसे सिफारिशों के अधीन अधिकतम मान लिया जाए तो 3.68 गुना से सैलरी होगी 26000X3.68= 95,680 रुपए. कर्मचारियों को इसमें बंपर फायदा मिलेगा. वहीं, 3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर सैलरी 21000X3 = 63,000 रुपए होगी.

सैलरी तय करता है फिटमेंट फैक्टर

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (CG Employees Salary) तय करने में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी भत्तों (Salary Allowances) के अलावा उसकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) से ही तय होती है. ये वो फैक्टर है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाती है.

Fitment Factor से क्या होता है?

7th Pay Commission की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) के साथ बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission latest update) के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है. 

4 फीसदी बढ़ाया गया DA

सरकार साल के पहले 6 महीने की महंगाई का औसत निकालती है, इसमें जनवरी से जून को काउंट किया जाता है. इसके बाद दूसरी छमाही में महंगाई का औसत निकाला जाता है. इस आधार पर DA में बढ़ोतरी तय की जाती है. DA हमेशा औसत महंगाई से ज्यादा होता है. जुलाई 2022 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ता को 4 फीसदी बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया गया है. DA में बढ़ोतरी के बाद TA उसी आधार पर बढ़ाया जाता है. DA में बढ़ोतरी TA से भी लिंक्ड है. इसी तरह HRA और मेडिकल रीम्बर्समेंट भी तय हो जाता है. जब सारे भत्ते कैलकुलेट हो जाते हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की मासिक CTC तय होती है.

PF, ग्रेच्युटी का योगदान

सभी तरह के भत्ते और सैलरी फाइनल होने के बाद अब बात आती है मासिक Provident Fund (PF) और ग्रेच्युटी योगदान की. PF और ग्रेच्युटी योगदान बेसिक सैलरी और DA से लिंक होता है. केंद्रीय कर्मचारी का PF और ग्रेच्युटी उसके फॉर्मूले से तय होता है. जब सारे भत्ते और कटौतियां CTC से हो जाती हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की टेक होम सैलरी तय होती है.