आमदनी अठन्नी खर्चा रुपइया? जान लें कैश फ्लो को मैनेज करने का ये फॉर्मूला, कभी नहीं बिगड़ेगा आपका बजट
Cash Flow Management: अगर नहीं चाहते हुए भी आपका बजट बिगड़ जाता है, तो एक्सपर्ट्स से जानिए कैसे आप अपना कैश फ्लो मैनेज कर सकते हैं.
Cash Flow Management: कई बार न चाहते हुए भी आपका बजट बिगड़ सकता है. इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे फिजुलखर्च या फिर किसी ऐसे निवेश में पैसे लगा देना, जिसकी शायद आपको कभी जरूरत ही नहीं थी. या फिर हो सकता है आपकी आय के मुकाबले ज्यादा EMI का बोझ- इन सब कारणों से आपके खर्च और आय का तालमेल बिगड़ सकता है. अगर आपको इन समस्याओं से बचना है, तो आपको कैश फ्लो मैनेजमेंट सीखना होगा. अपने आय और खर्च की गाड़ी को सही पटरी पर रखने के लिए आपको ये सीखना बहुत जरूरी है.
कैश फ्लो क्या है?
- आय, बचत, खर्च और निवेश का खाका
- कैश फ्लो मैनेजमेंट से निवेश लक्ष्य तय करना आसान
- कैश इनफ्लो - जो पैसे हाथ में आ रहा है
- कैश आउटफ्लो- जो पैसे खर्च हो रहें हैं
- नेट कैश फ्लो- कैश इनफ्लो-कैश आउटफ्लो
- पॉजिटिव कैश फ्लो- खर्च कम, आय ज्यादा
- नेगेटिव कैश फ्लो- आय कम, खर्चे ज्यादा
कैश इनफ्लो
- सैलेरी, बोनस
- बिजनसे इनकम
- रेंटल इनकम
- बचत खाते का ब्याज
- निवेश से आय
- कैपिटल गेन
केश आउटफ्लो
- हाउसहोल्ड खर्च
- यूटिलिटी बिल
- स्कूल फीस
- रिक्रिएशन खर्चे
- इंश्योरेंस प्रीमियम
- EMI
पर्सनल बैलेंस शीट
- एसेट और लाइबिलिटी का स्टेटमेंट
- एसेट आपकी अर्जित की गई संपत्ति
- लाइबिलिटी मतलब आपकी देनदारी
- एसेट- लिक्विड और फिक्स्ड एसेट,निवेश
- लाइबिलिटी- किसी भी तरह का कर्ज
नेट वर्थ क्या है?
- निजी संपत्ति में से निजी देनदारी घटाएं
- इससे सामने आएगा आपका नेट वर्थ
- स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड्स, FD, सोना
- रियल एस्टेट (जिस घर में रह रहे हैं, उसे छोड़कर)
- जिस घर से कमाई हो रही हो, वह है संपत्ति
- ये सब आपकी संपत्ति का हिस्सा होते हैं
- देनदारी में लोन और क्रेडिट कार्ड बिल आता है
- देनदारी- आपके निजी खर्चे भी इसमें शामिल होते हैं
- जिस घर में रह रहे हैं, वह भी खर्च का हिस्सा
कैश फ्लो कैसे मैनेज करें?
- महीने की बचत को निवेश करें
- म्यूचुअल फंड में थोड़े-थोड़े पैसे लगाएं
- आय बढ़ने के साथ ही SIP भी बढ़ाएं
- स्टेप-अप SIP से मौजूदा निवेश बढ़ा सकते हैं
आय के साथ SIP बढ़ाएं
- ₹50 हजार की आय और ₹15 हजार/महीना SIP करते हैं
- 10% सालाना बढ़ोतरी से आय 10 साल में ₹1.30 लाख होगी
- हर साल 10% आय बढ़ी तो SIP रकम भी बढ़ाएं
- SIP में 10% स्टेप-अप आन वाले लक्ष्यों के लिए जरूरी
स्टेप-अप का फायदा
- SIP स्टेप-अप SIP
उम्र 25 साल 25 साल
SIP रकम 10 हजार 10 हजार
अवधि 20 साल 20 साल
रिटर्न(exp.) 11% 11%
स्टेप-अप - 10%
रकम @50 साल ₹1.6 करोड़ ₹4.3 करोड़
कैसे बिगड़ता है कैश फ्लो?
- आय में से अगर EMI ज्यादा जाए
- गैर जरूरी इंश्योरेंस पॉलिसी पर खर्च करके
- लाइफस्टाइल खर्चे ज्यादा बढ़ जाएं
- आय का स्रोत कम या बंद हो जाए
कैश की किल्लत कैसे दूर करें?
- खर्चों को कम करें या आय बढ़ाने का तरीका निकालें
- EMI को आय के 30% से ज्यादा न जाने दें
- रेपो रेट लिंक्ड लोन की जगह MCLR बेस्ड लोन लें
- मुमकिन हो तो लोन का प्री-पेमेंट कर दें
- किसी दूसरे बैंक में कम दरों पर लोन री-फाइनेंस कराएं
बचत और खर्च का फॉर्मूला
आय ₹100
EMI ₹30
खर्चे ₹30
निवेश ₹40
कैश फ्लो कैसे बढ़ाएं?
- सबसे पहले कर्ज से छुटकारा पाएं
- क्रेडिट कार्ड का बिल सबसे पहले चुकाएं
- सैलेरी बढ़ाने के लिए इम्प्लॉयर से बात करें
- अच्छी आय के लिए नौकरी बदल सकते हैं
- अपना काम शुरू कर सकते हैं
- पैसिव इनकम के लिए निवेश करें
- ब्याज आय, डिविडेंड, रेंटल आय से पैसे कमाएं
- फिजूलखर्ची को कम करें
- जब पैसे की कमी हो,तब खर्च सीमित रखें
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