Budget 2020 ; NPS में टैक्स छूट बढ़कर हो सकती है 1 लाख रुपए, PFRDA ने किया प्रस्ताव
सरकार पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को सभी पेंशन प्रोडक्ट का एकमात्र नियामक (Single Regulator) बनाने की दिशा में बढ़ रही है.
सरकार पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को सभी पेंशन प्रोडक्ट का एकमात्र नियामक (Single Regulator) बनाने की दिशा में बढ़ रही है. PFRDA के सदस्य (वित्त) सुप्रतिम बंदोपाध्याय की मानें तो अपने बजट पूर्व प्रस्ताव में निकाय ने पेंशन फंड में योगदान के लिये कर छूट सीमा (Tax Deduction) आयकर कानून की धारा 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की सिफारिश की है. फिलहाल पेंशन उत्पादों की बिक्री बीमा (Insurance) कंपनियों के साथ-साथ म्यूचुअल फंड (MF) कंपनियां करती हैं. इसके कारण इरडा (IRDA) और सेबी (Sebi) दोनों इसके नियामक हैं.
बंदोपाध्याय के मुताबिक PFRDA कानून में संशोधन के लिए वित्त मंत्रालय से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गयी है. इससे पीएफआरडीए पेंशन उत्पादों के लिये एकल नियामक बनेगा.’’ उन्होंने कहा कि प्राधिकरण को पीएफआरडीए कानून में संशोधन संसद के बजट सत्र में पारित होने की उम्मीद है. नई पेंशन योजना के प्रति लोगों को आकर्षित करने के लिये पीएफआरडीए ने योजना के तहत कर छूट लाभ की सीमा दोगुनी करने का प्रस्ताव दिया है.
नियामक ने यह भी सिफारिश की है कि सरकार NPS (नई पेंशन प्रणाली) के तहत पेंशन प्रोडक्ट खरीदने के बजाए निश्चित रकम निकासी (सिस्टेमेटिक विड्राल प्लान-SWP) की अनुमति दे.
आपको बता दें कि सरकार ने हितों के टकराव के मुद्दे के समाधान को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) ट्रस्ट को पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) से अलग करने का प्रस्ताव किया है.
पीएफआरडीए एनपीएस ट्रस्ट सहित दूसरी इकाइयों के जरिये NPS और अटल पेंशन योजना का नियमन करता है. हितों के टकराव की स्थिति बनी है क्योंकि पीएफआरडीए पेंशन क्षेत्र का नियामक है और इसी के साथ यह एनपीएस और एपीवाई जैसी पेंशन योजनाएं भी चलाता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि अंशधारकों के हित और एनपीएस ट्रस्ट और पीएफआरडीए के बीच एक दूरी बनाने के लिए एनपीएस ट्रस्ट को किसी उचित सांगठनिक ढांचे के जरिये पीएफआरडीए से अलग करने के कदम उठाए जाएंगे.