टैक्सपेयर्स के साथ बड़ी नाइंसाफी है! Income Tax में हुई गलती तो 1% ब्याज, रिफंड में देरी हो तो मिलेगा सिर्फ 0.50% ब्याज Powered By:
Budget 2024 date latest news: देश का आम बजट (Budget 2024) आने में कुछ ही दिन बचे हैं. 1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. ऐसे में वित्त मंत्री से टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि इनकम टैक्स (Income Tax) में ये भेदभाव को कम करेंगी.
टैक्सपेयर्स को इंतजार है बजट का. इस बार फिर से उन्हें बड़ी उम्मीदें हैं. टैक्स में छूट मिले, नए ऑप्शन मिले, टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट की लिमिट बढ़े. लेकिन, सबसे बड़ा इंतजार है नाइंसाफी को बंद करने का. कैसी नाइंसाफी? मान लीजिए आपने किसी से कुछ पैसे उधार लिए, आपको उधार साल के 12% ब्याज पर मिला. अब थोड़े दिनों बाद उसी व्यक्ति ने आपसे उधार लिया और उधार चुकाने के लिए ब्याज दर 6% फिक्स की. क्या ये सही है? ये तो बराबरी नहीं है. गलत है न? जी हां, ऐसा ही कुछ टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के साथ भी होता है. ये बंद होना चाहिए क्योंकि, ये नाइंसाफी है. देश का आम बजट (Budget 2024) आने में कुछ ही दिन बचे हैं. 1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. ऐसे में वित्त मंत्री से टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि इनकम टैक्स (Income Tax) में ये भेदभाव को कम करेंगी. आइए समझते हैं आखिर ये मामला क्या है.
टैक्स लेट भरो तो ज्यादा पेनाल्टी क्यों?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से देश का हर टैक्सपेयर कुछ चाहता है. टैक्स समय से भरना और रिटर्न टाइम से फाइल करना आपकी-हमारी सबकी जिम्मेदारी हैं. अगर ये सब वक्त पर नहीं किया तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट छोड़ेगा नहीं. ब्याज लगाएगा. जिस दिन से आपने रिटर्न नहीं भरा, उस पर, 1 परसेंट ब्याज, ठीक है! और अगर आपको एडवांस टैक्स भरना था , और नहीं भरा, महीने का एक परसेंट ब्याज उस पर भी. अब गलती से आपका टैक्स ज्यादा कट गया या अपने ब्याज ज्यादा भर दिया और रिफंड आया तो? रिफंड आया तो, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको ब्याज देता है, कितना? आधा परसेंट महीने का! और कबसे? उस दिन से नहीं, जब आपने ज्यादा टैक्स भर दिया, उस दिन से जब आपका पूरा असेसमेंट हो जाएगा, और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट मान लेगा की आपने इतना टैक्स ज्यादा भर दिया.
गजब का नियम है Income tax का
गजब का नियम है आपका! लेते वक़्त 12%, देते वक़्त 6%. लेते वक़्त महीने का 1% और देते वक़्त आधा%. ये तो बात बराबर नहीं है. जिस हिसाब से इनकम टैक्स पर ब्याज चार्ज किया जाता है उसी हिसाब से रिफंड के वक्त भी देना चाहिए. नेचुरल जस्टिस का प्रिंसिपल (Principle of Natural Justice) क्या कहता है - मामला होना चाहिए बराबरी का. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जितना टैक्स हमसे लेता है, रिफंड पर भी उतना ही देना चाहिए. क्योंकि रिफंड लेट देने की गलती उनकी है तो टैक्सपेयर्स पर पेनाल्टी क्यों? वित्त मंत्री को इस बजट में इसी ठीक जरूर करना चाहिए.
एक्सपर्ट्स का क्या मानना है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि- “अगर आपने टैक्स लेट भरा या आपसे कोई गलती हुई है तो आपका पहले दिन से ब्याज चालू हो जाता है. लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड पर ब्याज कब दिया जाता है? असेसमेंट के बाद लगता है. टैक्सपेयर्स के लेट होने की कई वजह हो सकती हैं. टैक्सपेयर्स के पास शयद पैसे कम हो, या और कोई अड़चन आ गई हो. लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास तो किसी चीज की कमी नहीं है, पैसा भी पूरा है और सिस्टम भी. फिर लेट होने पर भी ब्याज क्यों?
टैक्सपेयर्स का दिल चाहता है 1% ब्याज
हालांकि, पिछले साल के मुकाबले असेसमेंट ईयर 23-24 में प्रोसेसिंग और रिफंड दोनों का टाइम घटा है. लेकिन, अगर ब्याज वसूलना है तो रिफंड में देरी पर भी ब्याज बराबर होना चाहिए. इस बार टैक्सपेयर्स का दिल चाहता है कि रिफंड में देरी पर टैक्सपेयर को भी 1 फीसदी ब्याज मिले.