नौकरीपेशा वालों को सिर्फ प्रोविडेंट फंड ही नहीं, बल्कि सरकार की तरफ से एक और योजना चलाई जाती है, उसका नाम है ESIC यानी राज्य कर्मचारी बीमा योजना. इस योजना के तहत कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं समेत कई फायदे मिलते हैं. मनी गुरु में आज ESIC और कर्मचारियों को मिलने वाले फायदों के बारे में बात करेंगे. 

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ESIC क्या है

टैक्स एक्सपर्ट मनीष गुप्ता के मुताबिक, ESIC कर्मचारी बीमा योजना सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना है. जिस संस्था में 10 से 20 कर्मचारी या ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, वहां यह योजना लागू होती है और यह योजना केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन चलाई जाती है.

ESIC में योगदान

ESIC में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का योगदान होता है. योगदान राशि में समय-समय पर बदलाव होता रहता है. मौजूदा समय में कर्मचारी की सैलरी से 0.75% योगदान ईएसआईसी में होता है और इम्प्लॉयर का 3.25% योगदान है. जिन कर्मचारियों का प्रतिदिन औसत वेतन 137 रुपये है, उन्हें इसमें अपना योगदान देना नहीं होता.

इन कर्मचारियों को फायदा

ESIC में कर्मचारियों के वेतन की सीमा तय है. 21,000 रुपये तक की सैलरी वाले कर्मचारी इस योजना के दायरे में आते हैं. पहले इसकी सीमा 15,000 रुपये मासिक वेतन था, लेकिन साल 2016 में इसे बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया गया.

क्या हैं फायदे

ESIC योजना के तहत कर्मचारी और उसके परिवार को मेडिकल सुविधाएं दी जाती हैं. सेहत खराब होने पर मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. ESIC की डिस्पेंसरी और अस्पताल में मुफ्त इलाज कर्मचारियों का मुफ्त इलाज होता है. गंभीर बीमारी होने पर प्राइवेट अस्पताल में रैफर कर दिया जाता है. प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती होने पर सारा खर्चा ESIC द्वारा उठाया जाता है.

 

कर्मचारी को अगर कोई गंभीर बीमारी है और बीमारी के चलते वह जॉब करने में असमर्थ है तो ऐसे में ESIC उस कर्मचारी को उसके वेतन का 70 फीसदी हिस्से का भुगतान करेगी. अगर कर्मचारी किसी वजह से विकलांग हो जाता है तो उसे उसके वेतन का 90 फीसदी दिया जाएगा. स्थाई रूप से डिसेबिलिटी होने पर जीवनभर सैलरी का 90% भुगतान मिलेगा.

महिलाओं को लाभ 

ESIC में महिलाओं को मैटरनिटी लीव (मातृ अवकाश) मिलता है. मैटरनिटी लीव के साथ 6 माह की सैलरी मिलती है. 6 माह की सैलरी ESIC ही देती है. मिसकैरेज पर 6 हफ्तों की अलग से छुट्टी मिलती है. 

मृत्यु होने पर

कर्मचारी की मृत्यु होने के बाद भी ESIC बहुत काम आता है. अंतिम संस्कार के लिए ESIC से 15000 रुपये मिलते हैं. साथ ही मृतक कर्मचारी पर आश्रित सदस्य को पेंशन मिलती है.

पेंशन के नियम

बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर उसके आश्रित को पेंशन मिलती है. ESIC की तरफ से आश्रित को आजीवन पेंशन दी जाती है. पेंशन को 3 भागों में बांटा जाता है. पहला, बीमित व्यक्ति की पत्नी को पेंशन मिलेगी. दूसरा, बीमित के बच्चों को मिलती है और तीसरा, बीमित व्यक्ति के माता-पिता को मिलती है.

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन

ESIC के लिए रजिस्ट्रेशन नियोक्ता की तरफ से होता है. इसके लिए परिवार के सदस्यों की जानकारी देनी होती है. नॉमिनी भी आपको तय करना होगा. रजिस्ट्रेशन के 9 महीने बाद ESIC की सुविधाएं मिलनी शुरू होंगी.

कैसे करें क्लेम?

ESIC के तहत मुफ्त इलाज करवाना है तो आपके क्षेत्र के ESI अस्पताल में जाएं. वहां ESI कार्ड दिखाएं. यहां गंभीर बीमारियों समेत बड़ा इलाज होता है.