पर्सनल लोन एक ऐसा लोन है, जो उस समय आपके काम आता है, जब आपको पैसों की सख्‍त जरूरत होती है और आपके करीबी लोगों से भी वो मदद आपको नहीं मिल पाती. यही कारण है कि पर्सनल लोन को इमरजेंसी लोन भी कहा जाता है. पर्सनल लोन की रकम को आप कहीं भी खर्च कर सकते हैं. लेकिन अगर आप पर्सनल लोन लेने जाएं तो बैंक से 3 सवाल जरूर पूछें, वरना बाद में परेशानी झेलनी पड़ेगी.

फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दर?

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पर्सनल लोन लेने से पहले बैंक से पूछें कि आपके लोन पर ब्याज दर फिक्‍स्‍ड रहेगी या फ्लैक्सिबल रहेगी. फिक्स्ड ब्याज दर वह होती है, जो कि लोन लेते समय तय की जाती है और पूरे लोन की अवधि के दौरान ये समान रहती है. फ्लोटिंग ब्याज दर वह होती है जो कि RBI की ओर से रेपो रेट में बदलाव करने पर बदल जाती है. फ्लोटिंग ब्याज दर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर रेपो रेट में कमी आती है तो ब्याज दर कम हो जाती है. लेकिन रेपो रेट बढ़ने पर ये बढ़ जाती है. फिक्स्ड ब्याज पर रेपो रेट का कोई असर नहीं पड़ता, पूरे लोन की अवधि के दौरान ये समान रहती है. 

लोन अवधि 

पर्सनल लोन लेने से पहले अपने लेंडर से लोन अवधि के बारे में जानें कि लोन चुकाने का मैक्सिमम और मिनिमम टेन्योर क्या है? आमतौर पर पर्सनल लोन की अवधि 6 महीने से 8 साल तक होती है, हालांकि कुछ ऋणदाता इसे 10 साल या उससे अधिक समय तक बढ़ा सकते हैं. अवधि ऋण राशि, ब्याज दर और उधारकर्ता की साख जैसे फैक्‍टर्स पर निर्भर करती है.

फीस और चार्जेस

पर्सनल लोन के प्रीपेमेंट और प्रोसेसिंग चार्जेस और अन्‍य तरह के शुल्‍क के बारे में जरूर पूछ लें. कई बैंक और NBFC कंपनियां पर्सनल लोन तय अवधि से पहले वापस करने पर प्रीमेंट चार्जेस लगाती है. अगर आपको पहले से प्रीपेमेंट चार्जेज के बारे में पता होगा तो आपके लिए आसानी होगी.