क्‍या आप जानते हैं कि किसी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (HFC) से होम लोन लेना कितना महंगा पड़ता है? इसमें न सिर्फ ब्‍याज दर में अंतर होता है बल्कि छिपे हुए चार्ज भी बहुत सारे होते हैं? साथ ही HFC लोन के साथ होम इंश्‍योरेंस की शर्त भी लगाती हैं. अगर आप यह गलती कर चुके हैं तो अब भी समय है. इस गलती का सुधार आप किसी राष्‍ट्रीयकृत बैंक में लोन ट्रांसफर कराकर कर सकते हैं.

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ऐसे पता चली भूल 

अभिलाषा और उनके पति आलोक ने 1 HFC से 27 लाख रुपए का Home Loan (प्‍लॉट पर्चेज+कंस्‍ट्रक्‍शन) लिया था. यह कंपोजिट होम लोन था. EMI 25978 रुपए आ रही थी. 2.5 साल बाद जब उन्‍होंने अपना लोन ट्रैक निकलवाया तो हैरान रह गए. वे EMI के रूप में 9 लाख रुपए अदा कर चुके थे. लेकिन उसमें ब्‍याज का हिस्‍सा कहीं अधिक था. प्रिंसिपल में से मात्र 60 हजार रुपए कम हुए थे. इसके बाद उन्‍होंने बिना समय गंवाए लोन ट्रांसफर कराया. इससे उन्‍हें दो फायदे हुए : पहला, किस्‍त का दोबारा निर्धारण और दूसरा, ब्‍याज दर भी कम मिली.

कितने टर्म के लिए लिया था लोन

दंपति ने HFC से करीब 27 लाख रुपए का कम्‍पोजिट होम लोन 28 साल की अवधि के लिए लिया था. HFC ब्‍याज 10.99% वसूल रही थी, जो फिक्‍स्‍ड रेड पर था. लोन ट्रांसफर कराने पर उन्‍हें ब्‍याज दर 8.85 फीसदी मिली. देखें टेबल

कितना हुआ फायदा

लोन ट्रांसफर के बाद उन्‍हें एक राष्‍ट्रीयकृत बैंक से 8.85 प्रतिशत सालाना ब्‍याज दर पर किस्‍त देनी होगी. किस्‍त की राशि में ज्‍यादा बदलाव नहीं है लेकिन लोन का टेन्‍योर करीब 11 साल कम हो गया है, जो सबसे बड़ा लाभ है. देखें टेबल

कितना होगा फायदा

दंपति अगर HFC से लोन जारी रखते तो उन्‍हें 28 साल में करीब 60,15,800 रुपए सिर्फ ब्‍याज के रूप में चुकाने पड़ते. वहीं लोन ट्रांसफर कराने पर न सिर्फ उनका लोन टेन्‍योर 11 साल कम घटकर 17 साल हो गया बल्कि अब ब्‍याज के रूप में सिर्फ 25,30,402 रुपए भरने होंगे. इस तरह उनके करीब 35 लाख रुपए बचेंगे.