Coronavirus महामारी के बीच 8.5 लाख बैंकरों के लिए अच्‍छी खबर है. बैंक कर्मचारी संघ और भारतीय बैंक संघ (IBA) के बीच सैलरी में 15% सालाना बढ़ोतरी को लेकर समझौता हो गया है. इस समझौते से बैंकों पर 7,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. 

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न्‍यूज एजेंसी PTI के मुताबिक यह फैसला बैंक प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन IBA और बैंकों के कर्मचारियों-अधिकारियों की यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (UFBU) के सदस्यों के बीच बैठक में हुआ. 

बैंक यूनियंस और IBA के बीच समझौते के मुताबिक यह वेतन बढ़ोतरी नवंबर 2017 से प्रभाव में आएगी. यानि बैंकरों को करीब 30 महीने का एरियर भी मिलेगा. समझौते के मुताबिक वेतन और भत्तों में सालाना 15 प्रतिशत बढ़ोतरी 31 मार्च 2017 के वेतन बिल के आधार पर दी जायेगी. 

पे-स्लिप (Pay Slio) में शामिल मदों के मुताबिक इस पर 7,898 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा. सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों सहित 37 बैंकों ने अपने कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी के बारे में फैसला लेने के लिये IBA को अधिकार दिया है.

बैंकरों की सैलरी बढ़ाने का मुद्दा राज्‍यसभा में भी उठ चुका है. राज्‍यसभा में वित्‍त राज्‍यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया था कि सरकार ने Public Sector Banks (PSB) के एसोसिएशन IBA को इसके लिए डायरेक्‍शन दिया है.

ठाकुर के मुताबिक IBA ने बताया है कि PSB के 8.47 लाख कर्मचारियों की सैलरी में रिवीजन 1 नवंबर 2017 से रुका हुआ है. एसोसिएशन और PSB कर्मचारियों के बीच बातचीत चल रही है. हालांकि बैंकरों को 1 महीने की सैलरी एडवांस में दी गई है.

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क्‍या थी डिमांड

बैंक कर्मचारी अपनी सैलरी 25 फीसदी बढ़ाने की मांग कर रहे थे. जबकि IBA इसे 12 प्रतिशत तक बढ़ाने पर राजी था. अब 15% पर सहमति बनी है. बैंक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का मामला नवंबर 2017 से लटका पड़ा था. इसके लिए कई बार बैंक यूनियन और IBA के बीच बैठक भी हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

5 साल पर बढ़ती है सैलरी

बैंक कर्मचारियों के वेतन में हर 5 साल पर बढ़ोतरी होती है. पिछली बार भी वेतन बढ़ोतरी 2012 के बजाय 2015 में हुई थी. IBA ने इस मुद्दे को निपटाने के लिए एक कमेटी भी बनाई थी. बैंकर विदेशी बैंकों और अन्य कंपनियों की तर्ज पर 5 डे वीक, बैंक स्टाफ की कमी को दूर करने और पुरानी पेंशन में सुधार करने सहित दूसरी मांग भी कर रहे हैं.