Atal Pension Scheme के दायरे में नहीं आते तो नो टेंशन! बुढ़ापे में पेंशन का इंतजाम कराएगी ये सरकारी स्कीम
अटल पेंशन योजना में 18 साल से लेकर 40 साल तक के वो लोग निवेश कर सकते हैं, जो टैक्सपेयर्स नहीं हैं. अगर आप इस स्कीम के दायरे में नहीं आते हैं, तो आपके लिए एक अन्य बेहतरीन विकल्प मौजूद है. जानिए इसके बारे में.
बुढ़ापे की तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से भारत सरकार की ओर से अटल पेंशन योजना (Atal Pension Scheme) चलाई जाती है. APY के जरिए बुढ़ापे में 5000 रुपए तक की मासिक पेंशन का इंतजाम किया जा सकता है. इस स्कीम में 18 साल से लेकर 40 साल तक के वो लोग निवेश कर सकते हैं, जो टैक्सपेयर्स नहीं हैं. अगर आप अटल पेंशन के दायरे में नहीं आते तो बुढ़ापे में आपके पास पेंशन पाने के लिए कौन सा विकल्प है? ये सवाल अक्सर आपके दिमाग में भी आता होगा. आइए आपको बताते हैं कि ऐसे में आप किस स्कीम के जरिए अपने लिए रिटायमेंट के बाद पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं.
NPS है बेहतर विकल्प
अगर आप APY के दायरे में नहीं आते हैं, तो NPS में निवेश कर सकते हैं. National Pension System यानी NPS को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. 2009 में प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिया गया. ये स्कीम भी सरकार द्वारा चलाई जाती है, लेकिन ये मार्केट लिंक्ड स्कीम है. NPS में जमा रकम को निवेश करने का जिम्मा PFRDA की ओर से रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया जाता है. ये आपके निवेश को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं. इस स्कीम के जरिए मोटे रिटायरमेंट फंड और पेंशन दोनों का इंतजाम कर सकते हैं.
दो तरह के अकाउंट
NPS में दो तरह के खाते होते हैं- टियर 1 और टियर 2. टियर-1 एक रिटायरमेंट अकाउंट होता है, वहीं टियर-2 एक वॉलंटरी अकाउंट है. टियर 1 अकाउंट कोई भी व्यक्ति खोल सकता है लेकिन टियर-2 अकाउंट तभी खोला जा सकता है, जब आपके पास टियर-1 अकाउंट हो. हालांकि आप टियर-1 और टियर-2 खाता एक साथ भी खोल सकते हैं. टियर-1 को न्यूनतम 500 रुपए और टियर-2 को न्यूनतम 1000 रुपए से खुलवाया जा सकता है.
एनपीएस में कुल जमा रकम का 60 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट के समय आप एकमुश्त निकाल सकते हैं, वहीं बची हुई 40 परसेंट राशि पेंशन योजना में चली जाती है. 40 फीसदी की इस राशि से एन्युटी खरीदी जाती है. ये रकम जितनी ज्यादा होगी, बुढ़ापे में आपकी पेंशन भी उतनी अच्छी मिलेगी. एनपीएस में निवेश की कोई सीमा नहीं है.
एनपीएस पर टैक्स बेनिफिट्स
एनपीएस पर टैक्स छूट भी मिलती है. लेकिन जरूरी बात यह है कि एनपीएस में कंट्रीब्यूशन पर आपको जो टैक्स डिडक्शन मिलती है, वह सिर्फ टियर-1 अकाउंट पर ही है. NPS में निवेश पर करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80CCD के तहत टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. इसके दो सब-सेक्शन होते हैं- 80CCD(1) और 80CCD(2). इसके अलावा 80CCD(1) का एक और सब सेक्शन होता है 80CCD(1B). 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपए और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपए की टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं.
कैसे उठाएं स्कीम का फायदा
- NPS अकाउंट खोलने के लिए, सब्सक्राइबर को पहले PoP-Point of Presence सर्च करना होगा.
- अपने नजदीकी PoP से एक सब्सक्राइबर फॉर्म लीजिए और इसे KYC पेपर्स के साथ जमा करें.
- एक बार जब आप शुरूआती निवेश करते हैं तो PoP आपको एक PRAN – स्थायी रिटायरमेंट अकाउंट नंबर भेजेगा.
- इस संख्या और पासवर्ड की मदद से आप अपने अकाउंट को चला सकते हैं. इस प्रक्रिया के लिए एक बार रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करना होता है.