PAN-Aadhaar Link: 1 अप्रैल 2022 से पहले देश के सभी नागरिकों को अपने आधार से PAN कार्ड को जोड़ना अनिवार्य होगा. वरना 31 मार्च के बाद 3 महीने तक 500 उसके बाद अगले 9 महीने में 1000 रुपये जुर्माना या फीस दे कर कर सकते हैं. अगर इसके बाद भी लोगों ने अपने पैन को आधार से लिंक (PAN-Aadhaar Link) नहीं कराया तो उनका PAN वैध नहीं रहेगा. हालांकि पैन नंबर एक्टिव रहेगा, लेकिन बाजार या किसी भी ट्रांजैक्शन, ट्रेडिंग के लिए पैन चलता रहेगा, जो अगले साल बंद हो जाएगा. यानी की 31 मार्च, 2023 के बाद उन करदाताओं का पैन निष्क्रिय हो जाएगा. 

इन सभी जरूरी कामों के लिए इस्तेमाल होता है PAN

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आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत हर व्यक्ति जिसे 1 जुलाई, 2017 तक ‘पैन’ आवंटित किया गया है और जो ‘आधार नंबर’ प्राप्त करने का पात्र है उसके लिए 31 मार्च, 2022 को या उससे पहले निर्धारित प्राधिकारी या प्राधिकरण को अपने आधार नंबर के बारे में सूचित करना जरूरी है. ऐसा करने में विफल रहने पर उस व्‍यक्ति के पैन को निष्क्रिय कर दिया जाएगा और ऐसी सभी प्रक्रियाएं जिनमें ‘पैन’ की आवश्यकता होती है, उन पर रोक लगा दी जाएगी. पैन को फिर से तभी चालू किया जा सकता है जब उस व्‍यक्ति की तरफ से निर्धारित शुल्क की पेमेंट के बाद निर्धारित प्राधिकरण को आधार नंबर के बारे में सूचि‍त कर दिया जाएगा.

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एक्टिव कराने पर देना पड़ेगा 1000 रुपए जुर्माना

करदाताओं की असुविधा को कम करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक निर्धारित प्राधिकारी को अपने आधार नंबर (Aadhaar number)  के बारे में सूचित करने का अवसर प्रदान किया गया है, ताकि स्‍वयं पर बिना कोई व्‍यापक प्रतिकूल प्रभाव पड़े ही वे आधार नंबर और पैन को आपस में लिंक करा सकें. इसके परिणामस्‍वरूप करदाताओं को अपने आधार नंबर के बारे में निर्धारित प्राधिकारी को सूचि‍त करते समय बतौर शुल्क 1 अप्रैल, 2022 से तीन महीने तक 500 रुपये और उसके बाद 1000 रुपये देने होंगे.

रिफंड की प्रोसेसिंग से लेकर ये सभी करें काम

हालांकि, 31 मार्च 2023 तक उन करदाताओं, जिन्होंने अपने आधार नंबर के बारे में निर्धारित प्राधिकारी को सूचित नहीं किया है, का पैन इस अधिनियम के तहत आवश्‍यक समस्‍त प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए इस्‍तेमाल में लाया जा सकेगा. अपनी आय से संबंधित टैक्‍स रिटर्न भरना, रिफंड की प्रोसेसिंग, इत्‍यादि इन प्रक्रियाओं में शामिल हैं.

31 मार्च, 2023 के बाद उन करदाताओं का पैन निष्क्रिय हो जाएगा, जो पहले से ही तय आवश्यकता के अनुसार अपने आधार नंबर के बारे में निर्धारित प्राधिकारी को सूचित करने में विफल रहते हैं, और इसके साथ ही अपने आधार नंबर को प्रस्तुत नहीं करने, सूचित नहीं करने या उद्धृत नहीं करने के कारण इस अधिनियम के तहत निर्धारित समस्‍त सख्‍ती इस तरह के करदाताओं पर लागू होंगी.