8th Pay Commission latest news: 8वें वेतन आयोग को लेकर आंदोलन शुरू हो गए है. तेलंगाना से लेकर हैदराबाद तक कर्मचारियों की मांग है कि 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. हालांकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कर्मचारियों को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए. क्योंकि, सरकार 8वें वेतन आयोग को लेकर अभी कुछ नहीं कहेगी. दरअसल, इसकी प्लानिंग में अभी वक्त है. अभी 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. चर्चा है साल 2024 के आम चुनाव के बाद सरकार इसे अमलीजामा भी पहना सकती है. मतलब नए वेतन आयोग का गठन हो सकता है. सैलरी में इजाफा महंगाई भत्ते के साथ होता रहेगा. लेकिन, सैलरी रिविजन 8वें वेतन आयोग के वक्त ही होगा. साल 2024 में 8वें वेतन आयोग में होने वाला इजाफा काफी बड़ा हो सकता है.

कब आएगा 8th Pay Commission?

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सूत्रों की मानें तो साल 2024 में आम चुनाव के बाद ही नए वेतन आयोग के गठन पर कोई चर्चा होगी. लेकिन, इतना जरूर है कि बात आगे बढ़ रही है. हालांकि, कर्मचारी यूनियन और कई संगठनों का आंदोलन भी आगे बढ़ रहा है. देशव्यापी आंदोलन की तैयारी चल रही हैं. अभी कुछ दिन पहले बंगाल में भी इसे लेकर काफी बवाल हुआ था. सरकारी तंत्र की मानें तो 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर अभी फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. इसका जिक्र संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी कर चुके हैं. लेकिन, सरकारी महकमों के सूत्र बताते हैं कि वेतन आयोग के गठन का वक्त नहीं आया है. साल 2024 में इसकी डेडलाइन शुरू होगी. साल 2024 के आम चुनाव के बाद जब नई सरकार का गठन होगा तो इस पर फैसला लिया जाएगा.

कब से लागू हो सकता है नया पे-स्ट्रक्चर?

अगर 8वें वेतन आयोग (8th Pay commission) का गठन साल 2024 के आखिर तक हो जाता है तो अगले दो साल में इसे लागू करना होगा. मतलब 2026 से इसे लागू करने की स्थिति बन सकती है. अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) के लिए अब तक का सबसे बड़ा सैलरी हाइक होगा. सूत्रों की मानें तो 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के मुताबले 8वें वेतन आयोग में कई बदलाव भी हो सकते हैं. 10 साल में एक बार वेतन आयोग के गठन के फैसले को भी बदला जा सकता है.

8th pay commission: हर साल बदलेगी सैलरी?

7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के गठन के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में सबसे कम इजाफा हुआ. दरअसल, सैलरी को फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के हिसाब से बढ़ाया गया. इसमें इसे 2.57 गुना रखा गया. अगर इसी फॉर्मूले को आधार माना जाता है तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की अधिकमत रेंज के तहत न्यूनतम सैलरी 26000 रुपए हो जाएगी. इसेक बाद निचले स्तर के कर्मचारियों का सैलरी रिविजन हर साल परफॉर्मेंस बेसिस पर किया जा सकता है. वहीं, अधिकतम सैलरी वाले कर्मचारियों का रिविजन 3 साल के अंतराल पर रखा जा सकता है.

कब कितनी हुई वेतन वृद्धि?

  • 4th Pay Commission में केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन वृद्धि: 27.6% की गई. इसमें उनका न्यूनतम वेतनमान 750 रुपए तय था.
  • 5th Pay Commission में कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला और उनकी सैलरी में 31% का बड़ा इजाफा किया गया. इससे उनका न्यूनतम वेतन सीधे बढ़कर 2550 रुपए प्रति माह हो गया.
  • 6th Pay Commission में फिटमेंट फैक्टर को लागू किया गया. इस उस वक्त 1.86 गुना रखा गया था. इससे कर्मचारियों को सैलरी में सबसे बड़ा हाइक मिला. उनकी न्यूनतम सैलरी में 54% का इजाफा हुआ. इससे बेसिक सैलरी बढ़कर 7000 रुपए हो गई.
  • साल 2014 में 7th Pay Commission का गठन हुआ. फिटमेंट फैक्टर को आधार मानते हुए 2.57 गुना की वृद्धि की गई. लेकिन, वेतन वृद्धि जो हुई वो 14.29% ही हुई.
  • 8th Pay Commission में कितनी वृद्धि का अनुमान?
  • अब 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद अगर सरकार पुराने पैमाने पर ही सैलरी रिविजन रखा जाता है तो इसमें भी फिटमेंट फैक्टर को ही आधार माना जाएगा. इस आधार पर कर्मचारियों का फिटमेंट 3.68 गुना किया जा सकता है. इस आधार पर कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 44.44% की वृद्धि हो सकती है. इससे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26000 रुपए हो सकता है.

8th Pay Commission आएगा या नहीं?

सबसे जरूरी सवाल ये है कि 8वां वेतन आयोग आएगा भी या नहीं? क्योंकि, सरकार ने पिछले संसद सत्र में इसका जिक्र किया था कि मौजूदा स्थिति में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में इससे इनकार किया था. हालांकि, सूत्रों की मानें तो वेतन आयोग का गठन समय आने पर होगा. लेकिन, अभी सरकार के पास वक्त है कि वेतन वृद्धि के नए पैमाने पर विचार कर सके. इसके तरीके खोजे जा रहे हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि साल 2024 ही सही समय होगा, जब सरकार नए वेतन आयोग के बारे में सोचेगी.