केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. जुलाई का महीना आ चुका है. ये महीने काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा इस महीने के अंत तक पता चल जाएगा. जुलाई से महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में होने वाली बढ़ोतरी को लेकर काफी चर्चाएं हैं. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत, कर्मचारियों के वेतन में महंगाई भत्ते का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो महंगाई दर के आधार पर समय-समय पर रिवाइज किया जाता है. लेकिन, इस बीच चर्चा ये भी थी कि महंगाई भत्ता शून्य कर दिया जाएगा.

महंगाई भत्ते की मौजूदा स्थिति

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मौजूदा वक्त में, केंद्रीय कर्मचारियों को 50% महंगाई भत्ता मिलता है, जिसे मार्च 2024 में बढ़ाया गया था. महंगाई भत्ते की दर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर निर्भर करती है, जो मुद्रास्फीति की दर को दर्शाता है. AICPI इंडेक्स के आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ते का स्कोर तय होता है. अभी तक महंगाई भत्ते के 4 महीने के नंबर आए हैं. मई के नंबर जून अंत में जारी होने थे, लेकिन इसमें देरी हुई है. वहीं, जुलाई में जून का आंकड़ा आने से महंगाई भत्ते का फाइनल स्कोर पता चलेगा.

DA में कितना हो सकता है इजाफा?

एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि जुलाई से महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53% पहुंच जाएगा. इस बढ़ोतरी का सीधा असर कर्मचारियों की मंथली सैलरी स्पष्ट रूप से दिखाई देगा और उन्हें बढ़ती महंगाई से राहत मिलेगी.

DA को मर्ज करने का कोई इरादा नहीं

हाल ही में कुछ अटकलें थीं कि सरकार महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मर्ज करने पर विचार कर सकती है. हालांकि, वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात का खंडन किया है और स्पष्ट किया है कि महंगाई भत्ते को मर्ज करने का कोई इरादा नहीं है. महंगाई भत्ता एक अलग और नियमित रूप से एडजस्टड भत्ता रहेगा, जो मुद्रास्फीति की दर पर आधारित होता है.

वित्त मंत्रालय का बयान

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि महंगाई भत्ते की समीक्षा और समायोजन एक नियमित प्रक्रिया है और इसे हर 6 महीने में किया जाता है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए उचित निर्णय लिया जाएगा.केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का इंतजार है. ये साफ है कि DA को मर्ज करने की कोई योजना नहीं है. कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक सूचनाओं का इंतजार करें और अफवाहों पर विश्वास न करें.