Gratuity Calculation Formula: अगर आप किसी कंपनी में लगातार 5 सालों तक काम कर लेते हैं तो आप कंपनी से ग्रेच्युटी पाने के हकदार बन जाते हैं. ये वो रकम है जो कर्मचारी को लंबे समय तक कंपनी में बेहतर सेवाएं देने के लिए एक रिवॉर्ड के तौर पर दी जाती है. जिस कंपनी में भी 10 या इससे ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं, वो Gratuity Act 1972 के दायरे में आती हैं.

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आपको ग्रेच्‍युटी कितनी मिलेगी, ये एक फॉर्मूले के आधार पर तय किया जाता है. अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो लंबे समय से कंपनी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और ग्रेच्‍युटी के हकदार बन चुके हैं, तो यहां जानिए Gratuity Calculation का Formula क्‍या है और अगर आपकी सैलरी ₹75,000 रुपए है और आपको नौकरी करते हुए 10 साल हो चुके हैं तो आपको कितनी रकम ग्रेच्‍युटी के तौर पर मिलनी चाहिए.

ये है Gratuity Calculation Formula

ग्रेच्‍युटी को कैलकुलेट करने का फॉर्मूला है- (आखिरी सैलरी) x (कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26). आखिरी सैलरी से मतलब, आपकी पिछले 10 महीने की सैलरी के औसत से है. इस सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और कमीशन को शामिल किया जाता है. महीने में रविवार के 4 दिन वीक ऑफ होने के कारण 26 दिनों को गिना जाता है और 15 दिन के आधार पर ग्रेच्यु​टी का कैलकुलेशन होता है. 

 ₹75000 सैलरी, 10 साल की नौकरी पर कितना मिलेगा पैसा

ग्रेच्‍युटी फॉर्मूले के कैलकुलेशन के हिसाब से देखें तो अगर आपने किसी कंपनी में 10 सालों तक काम किया और आपकी आखिरी सैलरी 75,000 रुपए थी तो कैलकुलेशन का फॉर्मूला बनेगा (75000) x (10) x (15/26). कैलकुलेशन करने पर योग आएगा 4,32,692 रुपए, ये रकम आपको ग्रेच्‍युटी के तौर पर दी जाएगी. इस तरह से आप अपनी आखिरी सैलरी और नौकरी के साल के आधार पर इस फॉर्मूले से कैलकुलेशन कर सकते हैं.

इस स्थिति में अलग होती है कैलकुलेशन

जब कंपनी या संस्थान Gratuity Act के तहत रजिस्टर्ड न हो तो कर्मचारी ग्रेच्‍युटी एक्‍ट के तहत नहीं आते हैं. लेकिन ऐसे में अगर कंपनी चाहे, तो स्‍वेच्‍छा से कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी दे सकती है, लेकिन ऐसे में ग्रेच्‍युटी तय करने का फॉर्मूला अलग हो जाता है. ऐसे में Gratuity की रकम, हर साल के लिए आधे महीने की सैलरी के बराबर होगी. लेकिन महीने भर काम करने के दिनों की संख्या 30 दिन मानी जाएगी, 26 नहीं.