56% भारतीयों के पास अब भी नहीं है हेल्थ इंश्योरेंस कवर, सरकारी खर्च करती है कम
भारत में स्वास्थ्य पर कुल खर्च में 70 प्रतिशत खर्च निजी क्षेत्र से आता है, जबकि सरकार महज 30 प्रतिशत ही खर्च करती है. अमेरिका में सरकार 45 प्रतिशत खर्च करती है.
आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी भारत में एक बड़ा तबका स्वास्थ्य बीमा से महरूम है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 56 प्रतिशत लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है. 1.30 अरब की जनसंख्या वाले इस देश में मात्र 44 प्रतिशत लोग ही स्वास्थ्य बीमा के दायरे में आते हैं. यह बात कंसल्टिंग कंपनी मिलीमैन की रिपोर्ट- भारतीय जीवन और स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र, में कही गई है.
भारत में स्वास्थ्य पर खर्च होता है कम
भारत में स्वास्थ्य पर कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का सिर्फ 4.7 प्रतिशत ही खर्च होता है, जबकि स्टैटिस्टा डॉटकॉम के मुताबिक अमेरिका में कुल जीडीपी का 18 प्रतिशत खर्च होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में स्वास्थ्य पर कुल खर्च में 70 प्रतिशत खर्च निजी क्षेत्र से आता है, जबकि सरकार महज 30 प्रतिशत ही खर्च करती है. अमेरिका में सरकार 45 प्रतिशत खर्च करती है.
सरकारी योजनाएं हैं सीमित
मिलीमैन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कुछ सरकारी योजनाएं हैं, लेकिन उनकी बहुत सीमाएं हैं. अधिकांश जनसंख्या ईएसआईसी जैसे संगठन के तहत स्वास्थ्य बीमा कवर के दायरे में आते हैं. इसका दायरा काफी सीमित है. उदाहरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना एक परिवार को महज 30,000 रुपये का कवर प्रदान करती है. ईएसआईसी असिमित कवरेज प्रदान करता है लेकिन पूरी दिल्ली के मात्र पांच अस्पताल ही इसका लाभ प्रदान करते हैं.
स्वास्थ्य बीमा का दायरा
वर्ष 2013-14 में देश की 76 प्रतिशत आबादी के पास पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा कवर नहीं था. इस संख्या में वर्ष 2016-17 में गिरावट आई और यह 56 प्रतिशत पर आ गया. रिपोर्ट में बताया गया कि आठ प्रतिशत आबादी नियोक्ता के द्वारा स्वास्थ्य बीमा कवर दायरे में हैं. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, 26 प्रतिशत राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत दायरे में हैं.10 प्रतिशत ईएसआईसी के अन्तर्गत हैं और 0.26 प्रतिशत केंद्र सरकार के स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में कवर पाते हैं.
आयुष्मान भारत योजना से पड़ेगा असर
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना का सकारात्मर असर देखने को मिलेगा. इस योजना में देश में 50 करोड़ लोग इस योजना के तहत स्वास्थ्य संबंधी लाभ उठाएंगे. इस योजना से सभी सरकारी अस्पताल और देशभर के करीब 9000 से अधिक अस्पताल इस सेवा से जुड़े हैं. इस योजना की शुरुआत के पहले दो सप्ताह में ही 38,000 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया.