5 key financial resolutions for 2023: नए साल की शुरुआत अगले कुछ दिनों में होने वाली है. हर नए साल के साथ हमें अपने फाइनेंशियल फैसलों को लेकर एक रिव्‍यू करना चाहिए. पिछला साल हमारे फाइनेंशियल पोर्टफोलियो के लिए कैसा रहा, कहां अच्‍छा हुआ और कहां चैलेंजेज देखने पड़े, इन सभी बातों पर गौर करना जरूरी है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि हमें कुछ न कुछ लर्निंग मिलती है, जो आने वाले साल के लिए काम करती है. इसके अलावा, निवेशकों को नए साल के लिए कुछ फाइनेंशियल रिजॉल्‍यूशन लेना चाहिए. जिससे कि आने वाले पूरे साल में मनी मैनेजमेंट मजबूत बना रहे और इमजरेंसी जैसे हालात में भी फाइनेंशियल दिक्‍कत न उठानी पड़े. म्‍यूचुअल फंड हाउस HDFC म्‍यूचुअल फंड ने अपनी एक वीकली सीरीज में निवेशकों को 2023 के लिए 5 फाइनेंशियल रिजॉल्‍यूशन लेने की सलाह दी है.

फाइनेंशियल जानकारी बेहतर करें 

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नए साल के लिए सबसे बेहतर निवेश यह है कि निवेशकों को पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी अपनी जानकारी बढ़ानी चाहिए. चाहें आप नए निवेशक हैं या पुराने अगर आपकी जानकारी अपडेट रहेगी, तो आप फाइनेंशियल फैसले बेहतर तरीके से ले पाएंगे. जैसेकि, अगर आप म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश का प्‍लान करेंगे, तो इससे अपको अपनी जरूरत और लक्ष्‍य के मुताबिक फंड चुनने में आसानी होगी. साथ ही आपका निवेश को लेकर रिस्‍क फैक्‍टर भी कम रहेगा और आपकी फाइनेंशियल हेल्‍थ बेहतर रहेगी.

निवेश की रकम में करें इजाफा 

नए साल में एक सबसे अहम बात यह है कि आपको अपने निवेश को टॉप- अप करना न भूलें. यानी, नए साल में आपको अपने निवेश की रकम बढ़ानी चाहिए. जैसेकि, अगर आप SIP करते हैं, तो SIP Top-Up के जरिए आप निवेश की रकम एक बार में यह एक रेगुलर इंटरवल पर बढ़ा सकते हैं. इससे इनकम बढ़ाने, महंगाई को मात देने और समय से निवेश लक्ष्‍य हासिल करने में मदद मिलेगी.

जैसेकि अगर आप 10 हजार हर साल किसी इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं, तो 8 फीसदी औसत सालाना रिटर्न पर आपको 10 साल में 1.56 लाख रुपये का फंड बना सकते हैं. वहीं, अगर आप हर साल अपने निवेश में 1,000 रुपये का इजाफा करते हैं, तो 10 साल बाद अनुमानित फंड 2.17 लाख रुपये हो सकता है. लंबे समय में निवेश पर कम्‍पाउंडिंग की पावर का फायदा होता है.

पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करिये 

नए साल की शुरुआत से पहले एक बार अपने पोर्टफोलियो पर नजर डालें. क्‍या आपने कुछ ही एसेट क्‍लास में निवेश किया है. या किसी एक एसेट क्‍लास में काफी ज्‍यादा निवेश कर रखा है. ऐसे में आपको पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने की जरूरत है. जैसेकि अगर आपने लॉर्ज कैप स्‍टॉक्‍स को फोकस करके इक्विटी फंड्स में निवेश कर रखा है और कुछ शॉर्ट टर्म गोल्‍स हैं, तो आपको डेट फंड्स में भी कुछ निवेश करना चाहिए. डायवर्सिफिकेशन का फायदा यह है कि आपके पोर्टफोलियो में वॉलेटिलिटी कम होती है.

 

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इमरजेंसी फंड की कर लें समीक्षा 

मनी मैनेजमेंट का एक गोल्‍डन रूल है कि एक इमरजेंसी फंड होना चाहिए. ऐसा इसलिए क्‍योंकि जीवन में कभी भी कुछ भी अप्रत्‍याशित हो सकता है. इसके लिए अपने और अपनी फैमिली को तैयार रखना चाहिए. इसलिए एक इमजरेंसी फंड हमेशा अलग से रखें, जो बीमारी, जॉब लॉस जैसी अचानक होने वाली चुनौतियों से निपटने में कारगर हो. एक्‍सपर्ट यह सुझाव देते हैं कि आपने मंथली खर्चे के बराबर की 3-6 महीने की रकम इमरजेंसी फंड में होनी चाहिए. इमरजेंसी फंड लिक्विड फॉर्म जैसेकि फ्लैक्‍सी एफडी, ओवरनाइट म्‍यूचुअल फंड्स, सेविंग्‍स अकाउंट में होना चाहिए, जिसे आप जरूरत पर तुरंत निकाल सके.

निवेश को ऑटोमेट करें 

तेजी से बदलती टेक्‍नोलॉजी से निवेश करना भी सरल हो गया है. आज के समय में खर्चों को ऑटोपायलट पर करने के लिए किसी हाई लेवल की तकनीक की जरूरत नहीं होती है. यू‍टिलिटी बिल्‍स, क्रेडिट कार्ड के बिल जैसे पेमेंट्स को ऑटोमेट करना बेहतर फाइनेंशियल फैसला है, क्‍योंकि इससे लेट पेमेंट या चार्ज देने की झंझट खत्‍म हो जाती है, अगर आप पेमेंट करना भूल जाते हैं.