PPF में नहीं होता जॉइंट अकाउंट का ऑप्शन, ऐसी ही कई बातें हैं जो लोग नहीं जानते...यहां जान लीजिए
पीपीएफ के तमाम फायदे तो आपको पता हैं, लेकिन इसके कुछ ड्रॉबैक्स भी हैं, जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है. अगर आप पीपीएफ निवेशक हैं या निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इस बारे में जान लेना चाहिए.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) निवेशकों की पसंदीदा स्कीम्स में से एक है. कोई भी भारतीय नागरिक इस स्कीम में निवेश कर सकता है और लंबे समय में अच्छा खासा फंड इसके जरिए जोड़ सकता है. ये स्कीम इनकम टैक्स बचाने के लिहाज से भी काफी अच्छी मानी जाती है. EEE कैटेगरी में आने के कारण इस स्कीम से तीन तरह से टैक्स बचाया जा सकता है. इसमें इन्वेस्टमेंट, इंट्रस्ट/रिटर्न और मैच्योरिटी तीनों में टैक्स की बचत होती है. मौजूदा समय में इस स्कीम में 7.1 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है.
ये तो रहे पीपीएफ से जुड़े तमाम फायदों की बात, लेकिन इस स्कीम से जुड़ी कुछ ऐसी बातें भी हैं, जिनके बारे में लोगों को नहीं पता. अगर आप पीपीएफ निवेशक हैं या फिर इस स्कीम में निवेश करना चाहते हैं तो इन्वेस्टमेंट से पहले आपको इससे जुड़ी उन बातों को भी जान लेना चाहिए.
जॉइंट अकाउंट का ऑप्शन नहीं
दूसरी तमाम स्कीम्स में आपको जॉइंट अकाउंट ओपन करने की सुविधा मिल जाती है, लेकिन पीपीएफ में ये सुविधा मौजूद नहीं है. हालांकि आप इसमें कई नॉमिनी जरूर बना सकते हैं और उनके अलग-अलग हिस्से भी तय कर सकते हैं. अगर अकाउंट होल्डर की किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को वो रकम निकालने का अधिकार होता है.
एक से ज्यादा अकाउंट खोलने की परमीशन नहीं
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तमाम स्कीम्स की तरह पीपीएफ में आपको एक से ज्यादा अकाउंट खोलने की सुविधा नहीं मिलती. अगर गलती से आपके 2 पीपीएफ खाते खोले जा चुके हैं तो दूसरे अकाउंट को वैध अकाउंट नहीं माना जाएगा. जब तक दोनों खातों को मर्ज नहीं किया जाता, तब तक उस पर ब्याज भी नहीं मिलेगा.
लंबे समय से नहीं बदली ब्याज दर
पीपीएफ की ब्याज दर की बात करें तो समय के साथ इसकी ब्याज दर भी प्रभावित होती रहती है. अप्रैल 2019 से जून 2019 तक इसकी ब्याज दर 8 प्रतिशत थी, इसके बाद इसे घटाकर 7.9 फीसदी किया गया और फिर जनवरी-मार्च, 2020 में इसे 7.1 प्रतिशत कर दिया गया. तब से अब तक ये ब्याज दर 7.1 फीसदी पर ही बरकरार है. अगर आने वाले समय में ये ब्याज दर और कम हो जाती है, तो लोगों के पास इससे बेहतर रिटर्न देने वाले तमाम विकल्प मौजूद होंगे.
इन्वेस्टमेंट की अधिकतम लिमिट
पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट की अधिकतम लिमिट 1.5 लाख रुपए सालाना है. अगर आपकी सैलरी काफी अच्छी है और आप इस स्कीम में ज्यादा इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो ऐसा नहीं कर सकते. ऐसे में आपको निवेश के दूसरे ऑप्शन तलाशने पड़ते हैं.
07:00 AM IST