UP Police Exam Cancelled: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेपर रद्द कर दिया है. अगले छह महीने में दोबारा परीक्षा होगी. सीएम ने अपने ट्वीट में कहा कि युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीएम योगी ने ट्वीट कर दिया आदेश

सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा- आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा को निरस्त करने और आगामी 06 माह के भीतर ही दोबारा परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं. परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे. ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है. 

27 फरवरी तक दर्ज करा सकते हैं शिकायत

उत्तर प्रदेश सरकार ने समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) की परीक्षा में कथित अनियमितताओं और धांधली की जांच कागजी तौर पर नहीं बल्कि शासन स्तर पर कराने का आदेश जारी किया है. अभ्यर्थी 27 फरवरी तक @secyappoint@nic.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इससे पहले पुलिस भर्ती बोर्ड भी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में कथित धांधली की जांच कर रहा है.

क्यों रद्द की गई परीक्षा ?

यूपी परीक्षा के बाद से कई अभ्यर्थियों का कहना था कि इस परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के साथ-साथ परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है. इसके बाद से इस परीक्षा की गोपनीयता को भंग करने वाले लोग एसटीएफ की रडार में हैं. इसके साथ ही कई बड़ी गिरफ्तारियां हो चुकी है.

इस दिन हुई थी परीक्षा

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की परीक्षा 17 और 18 फरवरी आयोजित की गई थी. यह परीक्षा दो शिफ्ट में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक कई सेंटर पर आयोजित की गई. 

इतने पदों पर निकली है भर्ती आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर भर्ती की जाएगी. जिसमें अनारक्षित के लिए 24,102 पद, ईडब्ल्यूएस के लिए 6,024 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 16,264 पद, अनुसूचित जाति के लिए 12,650 पद, अनुसूचित जनजाति के लिए 1,204 पद आरक्षित हैं.

20 प्रतिशत महिलाओं को दिया गया आरक्षण नोटिफिकेशन में महिलाओं के लिए आरक्षण भी निर्धारित कर दिया गया है. नोटिफिकेशन में दिए गए क्षैतिज आरक्षण में दी गयी जानकारी के तहत सम्पूर्ण पदों में से 20 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया गया है.