भारतीय छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई करना एक सपना होता है और विदेश की बात करें तो भारतीय छात्रों के लिए ऑस्ट्रेलिया था ब्रिटेन एजुकेशन हब हैं. लेकिन अब ब्रिटेन भारतीय छात्रों की पहली पसंद बन चुका है. भारत में स्थित ब्रिटिश उच्चायोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पढ़ाई के लिए यूनाइटेड किंगडम जाने वाले भारतीयों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. बीते साल जून, 2018 तक 5,50,925 भारतीयों को यूनाइटेड किंगडम के लिए वीजा की मंजूरी मिली थी जो कि साल 2017 की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा थे. वीजा पाने ज्यादातर लोगों में छात्र शामिल थे. 

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ब्रिटेन जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक और अच्छी खबर है. ब्रिटेन सरकार भारतीय छात्रों को पढ़ाई के बाद नौकरी खोजने के लिए समय देगी. इसके लिए ब्रिटेन सरकार विदेशी छात्रों को लेकर बनाए नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है. ब्रिटिश हाई कमिश्नर सर डॉमिनिक आस्क्विथ ने नियमों में बदलाव को लेकर संकेत दिए हैं. 

ब्रेक्जिट से निकलने का इंतजार

जानकारी के मुताबिक, विदेशी छात्रों को पढ़ाई के बाद नौकरी तलाशने के लिए समय देने के नए नियम के लिए अभी ब्रेक्जिट के फैसले तक इंतजार करना होगा. ब्रिटेन के यूरोपीय संघ ईयू से बाहर निकलने के बाद ही नए नियम लागू किए जाएंगे, क्योंकि तब ब्रिटेन के ऊपर ईयू की बंदिशें लागू नहीं होंगी. ब्रिटेन सरकार के इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा भारतीय छात्रों को होगा, क्योंकि ब्रिटेन में चीन के बाद सबसे ज्यादा संख्या भारतीय छात्रों की है.

पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा

बता दें कि ब्रिटेन ने पीएसडब्ल्यू यानी पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा (पढ़ाई के बाद कार्य) खत्म कर दिया था. इससे ब्रिटेन में विदेशी छात्रों की संख्या में काफी कमी आ गई है. पोस्ट स्टडी वर्क वीजा के तहत छात्र स्नातक के बाद दो साल तक ब्रिटेन में काम भी कर सकते थे. मगर, ब्रिटेन सरकार ने इस विजा को रद्द कर दिया था. अमेरिका की तुलना में ब्रिटेन में तालीम लेना कहीं ज्यादा सस्ता है और दूरी के मामले में भारत के करीब भी है. इसलिए ब्रिटेन भारतीय छात्रों की पहली पसंद बना हुआ है.