UGC New Guidelines: अब एक साल का होगा पीजी प्रोग्राम, किसी भी विषय में ले सकते हैं एडमिशन
UGC News Guidelines: देशभर के सैकड़ों विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम केवल 1 वर्ष में पूरा किया जा सकेगा. 1 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम अगले वर्ष 2024 से लागू होने जा रहा है.
UGC PG Program: देशभर के सैकड़ों विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम केवल 1 वर्ष में पूरा किया जा सकेगा. 1 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम अगले वर्ष 2024 से लागू होने जा रहा है. इस नए प्रोग्राम का लाभ चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम यानि एफवाईयूपी करने वाले छात्रों को मिलेगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने पीजी पाठ्यक्रम में यह महत्वपूर्ण बदलाव किया है. यूजीसी के मुताबिक, एक साल का पीजी प्रोग्राम अगले साल 2024 से लागू हो सकता है.
एक या दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन करने का विकल्प यूजीसी का कहना है कि 1 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन तभी संभव है जब किसी छात्र ने चार साल की ग्रेजुएशन की हो. यह ग्रेजुएशन ऑनर्स में रिसर्च के साथ होनी चाहिए। हालांकि यह कोई अनिवार्य नियम नहीं है, छात्र पहले की ही तरह 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में भी दाखिला ले सकते हैं. यूजीसी के मुताबिक, अब छात्रों के पास एक या दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन करने का विकल्प होगा. हालांकि यह विकल्प केवल एफवाईयूपी करने वाले छात्रों को ही मिलेगा. ऐसे छात्र जिन्होंने तीन साल की सामान्य यूजी डिग्री हासिल की है या कर रहे हैं, वे एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे. 3 साल की ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को पूर्व की भांति दो साल की पीजी करनी होगी. दो साल के मास्टर कोर्स रिसर्च पर होगा फोकस यूजीसी के मुताबिक, छात्रों को 4 वर्षीय ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम में रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ 'यूजी ऑनर्स' की डिग्री मिलेगी. फिलहाल देश भर की करीब 150 यूनिवर्सिटी में एफवाईयूपी लागू है. 2024 में आने वाले अगले सत्र में 300 से अधिक यूनिवर्सिटी एफवाईयूपी ऑफर करने जा रही हैं. दो साल के मास्टर कोर्स में भी रिसर्च पर खास फोकस किया गया है. पीजी में विषयों की पाबंदियां हटा दी गई यूजीसी ने कहा कि अब पीजी में विषयों की पाबंदियां हटा दी गई हैं. पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में यह बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 के आधार पर किया गया है. यूजीसी ने नए पीजी कोर्स के लिए नया ड्राफ्ट व क्रेडिट फ्रेमवर्क जारी कर दिया है. यूजीसी ने बताया कि पहली बार एक साल का मास्टर डिग्री प्रोग्राम 2024 से लागू होगा, जो चार साल की ग्रेजुएशन के बाद हो सकेगा. देशभर के 105 विश्वविद्यालय में किया गया है लागू यूजीसी का कहना है कि शुरुआत में देशभर के 105 विश्वविद्यालयों ने 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) को लागू किया था. 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को लागू करने वाले विश्वविद्यालयों में 19 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 24 राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय, 44 डीम्ड विश्वविद्यालय और 18 प्राइवेट विश्वविद्यालय शामिल थे. इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय व मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय शामिल हैं. ऑनर्स डिग्री के लिए होंगे कई विकल्प अब इन विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़कर 150 तक पहुंच चुकी है. एफवाईयूपी की रूपरेखा के तहत यूजीसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रावधानों का पालन करते हुए छात्रों को तीन वर्षीय स्नातक डिग्री के साथ-साथ 4 वर्षीय ऑनर्स डिग्री हासिल करने का विकल्प प्रदान किया है. यूजीसी के मुताबिक छात्र 120 क्रेडिट पूरा होने पर तीन वर्षीय यूजी डिग्री और 4 वर्ष में 160 क्रेडिट पूरा करने करने पर एफवाईयूपी ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे.