इस राज्य में दिसंबर में होगी 68,500 शिक्षकों की भर्ती, कुछ परीक्षा की तारीखों में भी हुए बदलाव
यूपी-टीईटी (UP-TET) की परीक्षा अब 4 नवंबर की जगह 18 नवंबर को आयोजित की जाएगी.
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की बड़ी संख्या में भर्ती की तैयारी है. उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) परीक्षा समेत शिक्षा सुधार को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा, यूपीटीईटी तथा 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के दूसरे चरण के लिए प्रस्तावित लिखित परीक्षा की समय-सारिणी तय करने का निर्देश दिया. बैठक में ही इन परीक्षाओं की तारीखें और समय-सारिणी तय किए गए.
इसमें टीईटी परीक्षा की तारीख को बदलने की घोषणा की गई है. यूपी-टीईटी (UP-TET) की परीक्षा अब 4 नवंबर की जगह 18 नवंबर को आयोजित की जाएगी. बैठक में आगामी शिक्षक भर्ती से जुड़ी तारीखों में भी बदलाव करने का फैसला किया गया. इसकी घोषणा बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने की है. उन्होंने बताया कि 1 से 3 नवंबर तक बीटीसी के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा फिर से आयोजित कराई जाएगी. दोनों ही परीक्षाओं के रिजल्ट 10 दिसंबर तक जारी कर दिए जाएंगे.
11 दिसंबर में शुरू होगी शिक्षक भर्ती परीक्षा
बीटीसी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप दी है. मुख्यमंत्री ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि पेपर लीक होने से जिस किसी अभ्यर्थी को नुकसान पहुंचा है, उसे दूर किया जाएगा. 11 से 25 दिसंबर तक अगली शिक्षक भर्ती परीक्षा का रजिस्ट्रेशन ओपन कर दिया जाएगा और 6 जनवरी को भर्ती परीक्षा आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि सीएम चाहते हैं कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. यूपीटीईटी चार नवंबर को कराए जाने पर बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देने वालों की मांग थी कि निरस्त परीक्षा पहले कराई जाए, जिससे कि वो शिक्षकों की अगली भर्ती में शामिल होने से न रह जाएं. इस पर मुख्यमंत्री ने अफसरों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया.
परीक्षा का पैटर्न भी बदला
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अब लघु उत्तरीय प्रश्न की जगह बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे. उन्होंने बताया कि लघु उत्तरीय सवाल के मूल्यांकन में मूल्यांकनकर्ता के विवेक की भी भूमिका रहती है. सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर बहुविकल्पीय सवाल ही पूछने का फैसला किया है. बहुविकल्पीय सवाल ओएमआर आधारित होंगे.