Job in India: भारत 2024 की जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए अपने रोजगार परिदृश्य के मामले में ग्लोबल स्केल पर छठे पोजीशन पर है. देश में 30 प्रतिशत कंपनियां अगले तीन महीनों में अपने कर्मचारियों को बढ़ाने की योजना बना रही हैं. वर्कफोर्स सोल्यूशन कंपनी मैनपावरग्रुप के एक ग्लोबल सर्वे में ये बात कही गई कि, भारत के शुद्ध रोजगार परिदृश्य (NEO) की कैलकुलेशन, छंटनी की योजना बनाने वाले एम्प्लॉयर्स की संख्या को नियुक्ति की योजना बनाने वाले एम्प्लॉयर्स से घटाकर की गई.

ग्लोबल स्केल पर छठे स्थान पर भारत

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इस कैलकुलेशन से सामने आया कि, 30 प्रतिशत कंपनियां अगले तीन महीनों में अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही हैं. भारत अपने एम्प्लॉयमेंट आउटलुक के लिए ग्लोबल स्केल पर छठे स्थान पर है, जो ग्लोबल रेश्यों से आठ अंक ऊपर है. ये सर्वे 42 देशों में किया गया है. ग्लोबल स्केल पर, कोस्टा रिका में जुलाई-सितंबर के लिए सबसे मजबूत 35 प्रतिशत नियुक्ति की उम्मीद है. इसके बाद स्विट्जरलैंड में 34 प्रतिशत, ग्वाटेमाला में 32 प्रतिशत, मेक्सिको में 32 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका में 31 प्रतिशत कंपनियां अगले तीन महीनों में रिक्रूटमेंट करने की योजना बना रही हैं.

क्या रहा सर्वे का रिजल्ट?

दूसरी ओर, अर्जेंटीना और रोमानिया में सबसे कम तीन प्रतिशत NEO रिकॉर्ड किया गया. मैनपावरग्रुप एम्प्लॉयमेंट सिनैरियो सर्वे के नए वर्जन में भारत में 3,150 एम्प्लॉयर्स से उनकी तीसरी तिमाही की नियुक्ति संबंधी मंशा के बारे में पूछा गया. मैनपावरग्रुप के भारत तथा वेस्टर्न एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप गुलाटी ने कहा कि, वैश्विक मंदी का असर भारत के IT क्षेत्र पर काफी समय से पड़ रहा है. इस सर्वे में आंकड़े एकत्रित करते समय, आम चुनाव के कारण देश में पॉलिटिकल अनसर्टेनिटी का माहौल बना हुआ था और स्पष्ट रूप से एम्प्लॉयर्स अपने शार्ट टर्म रिसोर्स प्लांनिग में सावधानी बरत रहे थे.

ये सेक्टर्स देंगे नौकरी

हालांकि, रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ी है और रेजिडेंशियल सेक्टर में 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर का कैपिटल फ्लो हुआ है. कुल मिलाकर उत्तर भारत में नियुक्ति की संभावना सबसे ज्यादा 36 प्रतिशत रही. इसके बाद पश्चिम में 31 प्रतिशत, दक्षिण में 30 प्रतिशत और पूर्व में 21 प्रतिशत एम्प्लॉयर्स ने रिक्रूटमेंट करने की इच्छा जाहिर की. आम धारणा के विपरीत करीब 68 प्रतिशत एम्प्लायर अगले दो साल में कृत्रिम मेधा (AI) और मशीन लर्निंग को अपनाने के कारण कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. इसका नेतृत्व कम्युनिकेशन सर्विस सेक्टर, फाइनेंस और रियल एस्टेट, इंडस्ट्री और प्रोडक्ट के साथ सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र करेंगे.