केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान संगठित क्षेत्र में 1.37 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं. सीएसओ ने यह डेटा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO के सब्सक्राइबर की संख्या के आधार पर जारी किया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2019 के महीने में, लगभग 8.27 लाख ईपीएफ ग्राहक जोड़े गए थे. पिछले वित्त वर्ष के दौरान, पेंशन फंड में सबसे अधिक सदस्यता जुलाई 2018 में लगभग 14.21 लाख दर्ज की गई थी.

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पिछले कुछ महीनों में रोजगार में कमी और रोजगार सृजन में कमी के बीच, सरकार के पास समय और फिर से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आंकड़ों का हवाला दिया गया है ताकि यह दिखाया जा सके कि रोजगार सृजन बढ़ रहा है. हालांकि, विशेषज्ञ और सांख्यिकीविद कहते हैं कि EPFO ​​डेटा रोजगार परिदृश्य की पूरी तस्वीर नहीं देता है. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, भारत के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रोनाब सेन के अनुसार, डेटा केवल संगठित क्षेत्र में वृद्धि को दर्शाता है.

(रॉयटर्स)

सेन ने कहा कि "हम पहले से ही जानते हैं कि संगठित क्षेत्र बढ़ रहा है. समस्या असंगठित क्षेत्र में है, जो बड़े पैमाने पर बेरोजगारी से गुजर रही है," इस आम चुनाव में नौकरियां और रोजगार सृजन प्रमुख मुद्दे थे और विपक्ष ने इस मुद्दे को काफी हद तक भुनाया. जबकि EPFO ​​ने नए कार्यबल के बारे में जानकारी प्रदान की है, उसने अपने सदस्य बनने के लिए पीएफ ग्राहकों की संख्या पर आंकड़े भी दिए हैं.