उत्तर प्रदेश की अगले साल तक 1500 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना है. राज्य के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के मंत्री ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को यह जानकारी दी. केंद्र सरकार ने 2022 तक नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रातों से 1,75,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. इसमें सौर ऊर्जा से 1,00,000 मेगावाट तथा पवन ऊर्जा से 60,000 मेगावाट क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य है.

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10,700 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य

पाठक ने कहा कि राज्य सरकार ने 2022 तक 10,700 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है. मंत्री ने कहा कि ‘‘हमें समय पर लक्ष्य पूरा करने का भरोसा है. हमारा विभिन्न प्रतिष्ठानों की छतों पर सौर परियोजनाओं के जरिये 4,300 मेगावाट क्षमता सृजित करने का लक्ष्य है. फिलहाल 150 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. 1500 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्रों के लिये निविदा प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं और अगले साल तक वे चालू भी हो जाएंगी.’’

सरकार ने कहा इस क्षेत्र में निवेश की हैं संभावनाएं

उन्होंने कहा कि इसके अलावा 32 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना जालौन जिले में लगायी जा रही है. मंत्री ने निवेशकों को उत्तर प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिये आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य में निवेश की काफी संभावनायें हैं.

सरकार ने उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2017 जारी की

मंत्री ने कहा कि राज्य में हरित ऊर्जा के उपयोग तथा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2017 जारी की. नीति का मकसद निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और राज्य में सौर परियोजनाएं लगाने के लिये निवेश अवसर उपलब्ध कराना है.