चुनाव आयोग की इजाजत के बाद ही बदली जाएगी मनरेगा की मजदूरी
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने चुनाव आयोग से मनरेगा के तहत श्रमिकों को दी जाने वाली मजदूरी की दरें संशोधित करने की मंजूरी मांगी थी.
चुनाव आयोग मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी दरों को एक अप्रैल से संशोधित करने की अनुमति देने के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुरोध को पुरानी परिपाटी का पालन करते हुये मंजूर कर सकता है.
मंत्रालय ने चुनाव आयोग से मनरेगा के तहत श्रमिकों को दी जाने वाली मजदूरी की दरें संशोधित करने की मंजूरी मांगी थी. आयोग के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि इस बारे में जल्द ही मंत्रालय को आयोग की अनुशंसा से अवगत करा दिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत भुगतान की गई मजदूरी को कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) के साथ जोड़ा जाता है और नई मजदूरी दरें एक अप्रैल को अधिसूचित की जाती है. एक अप्रैल को नये वित्तीय वर्ष की शुरूआत होती है. इससे देश भर के कई करोड़ लाभार्थियों को फायदा हो सकता है.
यह एक नियमित प्रक्रिया है. चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण नई दरों को अधिसूचित करने से पहले चुनाव आयोग की मंजूरी लेना अनिवार्य है.