यहां निकली है बंपर वैकेंसी, कंपनियों के पास खाली हैं पद, फिर भी नहीं मिल रहे लोग
Delivery jobs : देश की राजधानी नई दिल्ली में ऐसी नौकरियों के लिए सबसे अधिक मौके हैं. यह देश में सबसे अधिक है, लेकिन नौकरियों के इच्छुक कर्मचारियों की तरफ से सबसे कम रुझान देखा गया.
त्योहार के मौसम में ई-कॉमर्स कंपनियां सामान की डिलिवरी के लिए बड़ी संख्या में डिलिवरी ब्वॉय की भर्तियां कर रही हैं. लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी जितनी डिलिवरी जॉब बाजार में उपलब्ध हैं, मांग उससे बहुत अधिक है. यानी कंपनियों को और ज्यादा भर्तियां करने की जरूरत है, लेकिन कर्मचारी ही नहीं मिल रहे. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक मांग वाली नौकरियों में डिलिवरी ब्वॉय और वेयरहासिंग कर्मचारी आदि हैं.
महानगरों में खासकर ऐसी नौकरियों की मांग बहुत अधिक है. बेंगलुरु ऐसी नौकरियां की मांग वाले महानगरों में सबसे टॉप पर है. यह देश भर में कुल मांग के 14 प्रतिशत के बराबर है. हालांकि बेंगलुरु में भर्तियां 4 प्रतिशत ही हुई हैं. इसी तरह देश की राजधानी नई दिल्ली में ऐसी नौकरियों के लिए सबसे अधिक मौके हैं. यह देश में सबसे अधिक है, लेकिन नौकरियों के इच्छुक कर्मचारियों की तरफ से सबसे कम रुचि देखने को मिली.
कितनी मिलती है सैलरी
इसी तरह हैदराबाद और मुंबई में भी उपलब्धता की तुलना में अधिक मांग देखी गई. इन नौकरियों के लिए औसतन मासिक सैलरी मात्र 14,000 रुपये है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पढ़े-लिखे युवा जो नौकरी की तलाश में हैं, वो यहां नौकरी करने के बदले कहीं और तलाश करते हैं. क्योंकि यहां उन्हें सैलरी भी कम मिलती है और कड़ी मेहनत भी करनी होती है. जबकि कंपनियां भी इस तरह के कर्मचारी की तलाश में होती हैं जो पूरी तरह से तैयार हों और उन्हें तुरंत काम पर लगा दिया जाए.
अमेजॉन, फ्लिपकार्ट में बंपर वैकेंसी
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां त्योहारी मांग में अचानक से उछाल को देखते हुए 1,20,000 नए कर्मचारी की अस्थायी भर्तियां कर रही हैं. इंडीड इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर शशि कुमार कहते हैं कि जॉब मार्केट में पार्ट टाइम जॉब की मांग बढ़ी है. हालांकि एक बात ध्यान में जरूर रखने वाली है कि पार्ट टाइम जॉब में अधिक दक्ष कर्मचारियों को ही ज्यादा फायदा होता है. जहां तक डिलिवरी जॉब की बात है तो इसमें कम दक्ष लोग पैसे की जरूरत के लिए काम करने आते हैं, उन्हें अपने मुताबिक सुविधाओं से कम मतलब होता है. एक तरह से ऐसी नौकरी मजबूरी भी होती है.