10वीं में बेसिक मैथमेटिक्स वाले स्टूडेंट्स भी 11वीं और 12वीं में चुन सकते हैं गणित विषय
ऐच्छिक (इलेक्टिव) विषय का लक्ष्य गणित एवं सांख्यिकी की बुनियादी समझ का विकास करना है.
10वीं क्लास में बेसिक मैथ लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए 11वीं और 12वीं में मैथ लेने का ऑप्शन नहीं बचता है. ऐसे में कोई छात्र चाहकर भी गणित विषय नहीं ले सकता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. 10वीं में बेसिक मैथ (Basic Math) लेने वाले छात्र भी अब 11वीं और 12वीं में गणित विषय ले सकते हैं. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 11वीं और 12वीं क्लास के लिए प्रेक्टिकल मैथ की शुरूआत की है.
गणित एक ऐसा विषय है जिससे ज्यादातर स्टूडेंट्स दूर ही रहना पसंद करते हैं. खासकर 11वीं और 12वीं कक्षा में तो मैथ लेने वालों की तादाद काफी कम हो जाती है. कुछ स्टूडेंट्स मैथ में रुचि तो रखते हैं लेकिन भारी-भरकम फार्मूलों देखकर उनका पसीना छूट जाता है. लेकिन अब घबराने की कोई बात नहीं है.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने उन छात्रों के लिये उच्च माध्यमिक स्तर पर एक ऐच्छिक विषय के रूप में प्रायोगिक (practical) पेश किया है, जो आगे चल कर इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं और जिसके लिये इस विषय की व्यापक समझ की जरूरत होती है. ऐसे
इससे पहले सीबीएसई ने 10वीं कक्षा के लिये गणित विषय के दो स्तर (लेवल) पेश किये थे.
ऐच्छिक (इलेक्टिव) विषय का लक्ष्य गणित एवं सांख्यिकी की बुनियादी समझ और वाणिज्य एवं सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में उनके उपयोग के ज्ञान का विकास करना है. इसे 2020 के अकादमिक सत्र से 11 वीं कक्षा के छात्रों के लिये ऐच्छिक विषय के तौर पर पेश किया जाएगा. जिन छात्रों ने 10 वीं कक्षा में बेसिक मैथमेटिक्स लिया था, उन्हें उच्च माध्यमिक स्तर पर प्रायोगिक मैथ रखने की इजाजत मिलेगी.
सीबीएसई ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि उच्चतर अध्ययन में--अर्थशास्त्र, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान और कई अन्य क्षेत्रों में-- गणित का व्यापक उपयोग होता है. यह पाया गया है कि गणित का मौजूदा पाठ्यक्रम विज्ञान विषयों के अनुरूप है जबकि यह विश्वविद्यालयी शिक्षा में वाणिज्य या सामाजिक विज्ञान आधारित विषयों के ज्यादा अनुरूप नहीं है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:
इसे ध्यान में रखते हुए उच्च माध्यमिक कक्षाओं में गणित पाठ्यक्रम में एक और ऐच्छिक पाठ्यक्रम पेश किया जाएगा जिसका लक्ष्य छात्रों को गणित का प्रासंगिक अनुभव प्रदान करना है जिसका उपयोग भौतिक विज्ञान से इतर क्षेत्रों में किया जा सकता है.
सीबीएसई के मुताबिक इस नाम का एक पाठ्यक्रम पहले एक कौशल विषय के रूप में तैयार किया गया था. हालांकि अब तैयार किए गए अकादमिक पाठ्यक्रम में कई चीजें जोड़ी गई हैं. अप्लाइड मैथमेटिक्स विषय व्यावहारिक प्रकृति का होगा.